चाणक्य नीति: चाणक्य जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. चाणक्य ने अपनी प्रसिद्ध चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को प्रभावित करने वाले हर एक विषय पर बड़ी ही सूक्ष्मता से प्रकाश डाला है. बड़ी विपत्ति आने पर लोगों को क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं इस पर भी उन्होंने बड़ी अच्छी बातें बताई हैं, आइए जानते हैं इन बातों को-


आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में बड़े संकट से उभरने के बारे में बताया है. चाणक्य की मानें तो महामारी जैसी समस्या से तभी निपटा जा सकता है जब व्यक्ति सर्तक रहेगा और संयम से काम लेगा. चाणक्य की मानें तो जो विपत्ति के समय लापरवाह हो जाते हैं और अपना धैर्य खो देते हैं तो संकट कम होने की बजाए बढ़ जाता है.


अपने साथ लोगों का भी ध्यान रखें


महामारी की चपेट में जब पूरी दुनिया हो तो इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए. व्यक्ति को अपनी शक्तिओं और संसाधनों का विचार करते हुए जो जनहित में उचित कदम उठाने चाहिए. ऐसे में राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए. इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए. कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे खुद और पूरे राष्ट्र के लिए खतरा खड़ा हो जाए.


राष्ट्र का गौरव बढ़ाएं


संकट जब पूरे देश पर हो और दुनिया के अन्य देश भी इससे अछूते न हों तो ऐसी स्थिति में देश के सभी नागरिकों को एक जुट होकर दुनिया के सामने ऐसा उदाहरण पेश करने की कोशिश होनी चाहिए जिससे संपूर्ण मानव सभ्यता अनुकरण करे. कोई राष्ट्र कितना श्रेष्ठ है इसका पता संकट आने पर ही पता चलता है. इसलिए लोगों को ऐसा आचरण प्रस्तुत करना चाहिए जिससे पूरे राष्ट्र का गौरव बढ़े.


चाणक्य नीति: महामारी में अतिउत्साह विनाश की ओर ले जाता है, जानें महामारी फैलने पर क्या करना चाहिए