Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य विद्वान होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक और कुशल रणनीतिकार भी थे. उनके चिंतन का दायरा बहुत विशाल था. यही कारण था उन्होने हर उस विषय को बहुत बारीकी से समझा और जाना जो मनुष्य को प्रभावित करता है. चाणक्य ने अपने अनुभव और ज्ञान से ये निष्कर्ष निकाला कि मनुष्य हर उस संकट को झेलने की ताकत और क्षमता रखता है अगर वो कोई गलती न करें.


चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि संकट के समय व्यक्ति को गंभीर हो जाना चाहिए. इस समय पूरी दुनिया के एक प्रकार के संकट से जूझ रही है. ये संकट अपने देश में भी फैल रहा है. यह एक ऐसा संकट है जिसमें गलती और लापरवाही की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.


संकट के समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए


लापरवाही न बरतें
संकट की घड़ी में बहुत ही सतर्कता और सोच समझकर कार्य करने की जरुरत होती है. संकट जब राष्ट्र और पूरी मानवता के लिए खतरा बन जाए तो कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए. नियमों को नहीं तोड़ना चाहिए. आदेशों का पालन करते हुए संकट के समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए.


आंख नाक और कान खुले रखें
जब समस्या बड़ी हो तो व्यक्ति को अपने आंख नाक और कानों को सदैव खुला रखना चाहिए. जो व्यक्ति इन बातों का ध्यान नहीं रखता है वह स्वयं को भी परेशानी में तो डालता ही है साथ ही साथ दूसरों के लिए भी समस्या खड़ी करता है.


अफवाहों का प्रसार न करें
संकट के समय व्यक्ति अपने अस्तित्व को लेकर बहुत चिंतित और भयभीत हो जाता है. ऐसे में छोटी सी भी अफवाह संकट से लड़ने के प्रयासों को मोथरा कर सकती है. इसलिए अफवाह न फैलाएं और न ही इनके प्रसार का माध्यम बनें.


प्रयासों में खोट निकालना
संकट के लड़ने के लिए जितने भी प्रयास किए जाते हैं उनमें खोट नहीं निकालना चाहिए. संकट जब बड़ा होता है तो किसी एक तरीके से नहीं कामयाब हुआ जा सकता है इसलिए बहुत से प्रयास किए जाते हैं, न जानें किस प्रयास से सफलता मिल जाए. इसलिए प्रयास और उसके पीछे के दृष्टिकोण में कमी नहीं निकालनी चाहिए इससे मनोबल में कमी आती है.


मनोबल को न गिरने दें
संकट से उभरने में जितनी भूमिका प्रयासों की होती है उससे कहीं अधिक भूमिका मनोबल की होती है. मनोबल को ऊंचा रखने से ही बड़े से बड़ा संकट समाप्त किया जा सकता है. ध्यान रहे शत्रु को परास्त करने में मनोबल की बहुत बड़ी भूमिका होती है.


Chanakya Niti: मनुष्य को नहीं करने चाहिए ये काम, जीवन पर आ सकता है संकट