Chanakya Niti Hindi: आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को जीवन में श्रेष्ठ और सम्मान पाने के लिए अच्छा आचरण करना चाहिए. व्यक्ति को उन चीजों से बचना चाहिए जो उसके व्यक्तित्व के विरुद्ध हों. यानि वे आदतें दूर कर लेनी चाहिए जिनसे वह सम्मान से वंचित हो जाता है. ऐसी ही एक आदत है झूठ बोलने की. झूठ बोलने की आदत जिन लोगों में होती है वह कभी भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखे जाते हैं. ऐसे लोग


दूसरों की नजरों में सदैव ही खटकते रहते हैं, और एक समय ऐसा आता है जब लोग झूठ बोलने वालों से दूरी बना लेते हैं. झूठ बोलने वाला व्यक्ति भरोसा के काबिल भी नहीं होता है. ऐसे लोगों की आदतों का जब खुलासा होता है तो लोग सम्मान देना बंद कर देते हैं. इसलिए झूठ से दूर रहना ही श्रेयस्कर होता है.


अपने फायदे के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए
जो व्यक्ति अपने हितों के लिए झूठ का सहारा लेता है वह समाज की नजरों में अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे लोगों की छवि नकारात्मक बन जाती है. लोगों इनकी किसी भी बात का भरोसा नहीं करते हैं. झूठ बोलने वाले व्यक्ति जीवन में सफलताओं से दूर हो जाते हैं.


अपनों से नहीं बोलना चाहिए झूठ
झूठ बोलने की आदत जिस व्यक्ति को लग जाती है वह हर किसी से झूठ बोलने लगता है. वह घर के सदस्यों, मित्रों और जहां पर वह काम करता है वहां पर भी झूठ बोलने लगता है. जब ऐसे लोगों की सच्चाई सामने आती है तो उसे लज्जित होना पड़ता है और सदैव के लिए दूसरों की नजरों में गिर जाता है.


सफलता में सबसे बड़ी बाधा है झूठ
जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है जिसका आचरण नैतिक गुणों से पूर्ण होता है और मर्यादा तथा अनुशासन का पालन करता है. जो लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं और झूठ के जरिए सफलता पाना चाहते हैं वे कुछ समय के लिए तो सफल हो सकते हैं. लेकिन इनकी सफलता बहुत दिनों तक नहीं रहती है, यानि उनकी सफलता स्थाई नहीं होती है और अर्श से फर्श पर आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में कोई भी उनका साथ भी नहीं देता है.


लालच से पनपती है झूठ बोलने की आदत
झूठ बोलने की आदत तब जन्म लेती है जब व्यक्ति में लालच आ जाता है. लालच व्यक्ति में झूठ बोलने की प्रवृत्ति को विकसित करता है. लालच के चलते व्यक्ति में झूठ और अन्य बुराईयां जन्म ले लेती हैं जिसके कारण वह एक दिन अपना सबकुछ गंवा बैठता है.


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