Chanakya Niti: परिवार को एक डोर में बांधे रखने में घर के मुखिया की बहुत अहम भूमिका होती है. चाणक्य कहते हैं कि परिवार में मुखिया का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उसका एक फैसला पूरे परिवार का भविष्य बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है. चाणक्य ने बताया कि घर के मुखिया में अगर ये 3 आदतें हो तो उसके परिवार पर आंच भी नहीं आ सकती.
आंखों देखी चीजों पर यकीन
घर के मुखिया की जिम्मेदारी बहुत बढ़ी होती है. उस पर सभी लोग विश्वास करते हैं. ऐसे में उसे कान का कच्च कभी नहीं होना चाहिए. किसी भी छोटे-बड़े विषयों के हर पहलू पर गौर करने के बाद ही उसके बारे में विचार बनाना चाहिए, क्योंकि जो सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करते हैं उनका परिवार बिखरने में देर नहीं लगती और वह हर मोड़ पर धोखा खाते हैं. जो अपने विवेक और समझदारी से काम करते हैं उनके परिवार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता.
पैसों का मैनेजमेंट
अगर घर का मुखिया पैसों का व्यवस्थित तरीके से इस्तेमाल करता है, बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाकर रखता है. उनका परिवार मुसीबत में भी एकजुट रहता है. उन्हें कभी धन की कमी नहीं होती. इस एक आदत की वजह से संकट के समय में भी परिवार की खुशियां बरकरार रहती है.
निर्णय पर डटे रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिवार का मुखिया पंक्ति में खड़े पहले व्यक्ति की तरह होता है. जो जैसा खड़ा होता है, कतार में शेष लोग भी वैसे ही खड़े होते हैं. अर्थात घर के मुखिया के सदा अच्छे कर्म करने की भावना और सोच-समझकर लिए निर्णय पर डटे रहने की आदत परिवार का भविष्य सुधार देती है. परिवार के सदस्यों में अनुशासन बनाए रखने के लिए घर के मुखिया का अपने फैसलों पर अडिग रहना जरुरी है.
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