Chanakya Niti in Hindi: मौर्य वंश के रानीतिज्ञ गुरु आचार्य चाणक्य को राजनीति विशारद और आचार-विचार के कूटनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने अपनी नीति में जो बाते बताई हैं, वह व्यक्ति के जीवन को सुखद और सफल बनाने में काफी हद तक सटीक बैठती है. साथ ही चाणक्य ने समाज कल्याण के लिए भी कई नीतियां बताई हैं. चाणक्य नीति में बताई गई बातों को आत्मसात कर आप सफलता के शिखर को पा सकते हैं.
आचार्य चाणक्य का नाम ‘विष्णुगुप्त’ था. ये चणक आचार्य के पुत्र थे. इसलिए इन्हें चाणक्य कहा जाता है. ये चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री, गुरु और संस्थापक थे, इन्होंने अर्थशास्त्र, वृद्ध चाणक्य, लघु चाणक्य और अपने नीति-शास्त्र में जो बाते लिखी हैं, वह आज के समय भी काफी हदतक सटीक बैठती है.
सफलता के लिए गधे से लें ये सीख
सफलता के लिए भी चाणक्य ने अपनी नीति में कई बाते बताई हैं. इन्हीं में एक है गधे यानी डंकी से सीख लेना. चाणक्य नीति के कुल सत्रह अध्याय हैं. इसके छठे अध्याय में चाणक्य बताते हैं कि- सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति को गधे के तीन गुणों को जरूर सीखना चाहिए. जो व्यक्ति गधे से इन तीन बातों की सीख लेकर इसे अपने जीवन में उतार लेगा वह जीवन में कभी धोखा नहीं खाएगा और उसे सफलता जरूर मिलेगी. तो आइये बिना देर किए जानते हैं चाणक्य द्वारा बताए गए गधे के ये तीन गुण. श्लोक है-
सुश्रान्तोऽपि वहेद् भारं शीतोष्णं न पश्यति।
सन्तुष्टश्चरतो नित्यं त्रीणि शिक्षेच्च गर्दभात्॥
1. आलस्य से दूरी 2. मौसम की चिंता न करना 3.संतोषपूर्वक रहना.
- आलस्य से दूरी: आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि, गधे को बोझ ढोने वाले जानवर के रूप जाना जाता है. लेकिन उसमें ऐसी खूबियां भी हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और वह है उसके मेहनत करने की क्षमता. सफलता के लिए जरूरी है आलस्य को दूर भगाना. क्योंकि आलस्य या आसल ही वह चीज है तो आपको आगे बढ़ने से रोकती है. चाणक्य कहते हैं कि, गधा कभी आलस्य नहीं करता और अधिक थक जाने पर भी बोझ ढोता रहता है. ठीक इसी तरह मनुष्य को भी गधे के इस गुण से सीख लेकर आलस्य छोड़ अपने काम को मेहनत के साथ पूरा करना चाहिए.
- मौसम की चिंता न करना: गधे के दूसरे गुण के बारे में चाणक्य बताते हैं कि, गधा को किसी भी मौसम से कोई फर्क नहीं पड़ता. वह मौसम की चिंता किए बगैर अपना काम करता रहता है. ठीक ऐसे ही व्यक्ति को भी अपना काम करने के लिए मौसम का बहाना बनाकर उसे टालना या बैठना नहीं चाहिए. इससे आप अपना ही नुकसान करते हैं और सफलता से दूर चले जाते हैं.
- संतोषपूर्ण रहना: गधे का तीसरा गुण है संतुष्ट रहना, यह गुण मनुष्य में बहुत कम होती है. अगर आप गधे के इस गुण को अपना लेंगे और संतुष्ट रहना सीख जाएंगे तो आपकी आधी परेशानी खुद दूर हो जाएगी. क्योंकि जो लोग संतुष्ट नहीं रहते, उन्हें किसी चीज की प्रसन्नता महसूस नहीं होती. अगर आप सफल और सुख जीवन चाहते हैं तो जीवन में संतोष जरूरी है.
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