नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य को प्राचीन इतिहास के महानतम शिक्षकों और विद्वानों में से एक समझा जाता है. चाणक्य नीतियां न केवल जीवन को सरल बनाती हैं बल्कि कामयाबी का भी रास्ता दिखाती हैं. चाणक्य नीति आधुनिक जीवन में भी प्रासंगिक हैं और इसे आसानी से समझा जा सकता है. चंद्रगुप्त को सम्राट बनाने में चाणक्य नीतियों का बहुत बड़ा योगदान है. तो चलिए जानते हैं चाणक्य की बताई नीतियों के बारे में..


चाणक्य नीति के मुताबिक गुजरे हुए वक्त के बारे में सोचकर कभी पछतावा नहीं करना चाहिए. समझदार लोग हमेशा मौजूदा वक्त पर ध्यान केंद्रित करते हैं.


चाणक्य नीति के अनुसार दोस्ती हमेशा अपने बराबर के लोगों के साथ रखनी चाहिए.


चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को बहुत ही सीधा नहीं होना चाहिए क्योंकि सबसे पहले सीधे वृक्षों को काटा जाता है. अधिक सीधा होना भी आपके लिए कष्टदारी हो सकता है.


चाणक्य नीति के अनुसार हमेशा मूर्ख लोगों की संगत से बचना चाहिए, थाली में कभी भी भोजन नहीं छोड़ना चाहिए, परिवार में मिलजुलकर रहना चाहिए.


चाणक्य नीति के मुताबिक, अगर आप अपने जीवन में किसी कष्ट से गुजर रहे हैं तो इस बात का जिक्र लोगों के सामने नहीं करना चाहिए. वह हो सकता है आपके सामने ऐसा दर्शाएं कि उन्हें दुख है लेकिन बाद में वह आपके दुख का मजाक बना सकते हैं.


चाणक्य नीति के अनुसार 1000 मूर्ख संतान से एक गुणकारी संतान होना बेहतर है.


चाणक्य नीति के मुताबिक अपनी संतान को अधिक से अधिक शिक्षा दिलवानी चाहिए, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके.


ये भी पढ़ें:


चाणक्य नीति: ज्ञान के बिना जीवन में सफलता हासिल नहीं की जा सकती