Chanakya Niti: हमेशा खुशहाल रहता है ये 4 काम करने वाला परिवार, दुख का साया भी पास नहीं आता
Chanakya Niti: सफल जीवन के साथ भाग्यशाली बनना मनुष्य के लिए सोने पर सुहागा है. जानते हैं कौन से हैं वो काम जिसके परिणाम से परिवार पर दुख का साया भी नहीं मंडरा सकता.
Chanakya Niti: सफल जीवन के साथ भाग्यशाली बनना मनुष्य के लिए सोने पर सुहागा है. आचार्य ने जीवन को समझने और इसे सही ढंग से निभाने से जुड़ी अहम बातों का जिक्र अपने नीति ग्रंथ में भी किया. चाणक्य ने खुशहाल जिंदगी जीने के लिए कुछ ऐसे खास काम का जिक्र किया है. जो मनुष्य जीवन के लिए जड़ीबूटी है, इनके प्रभाव से व्यक्ति खुद और उसका परिवार हमेशा खुशहाल रहता है. साथ ही समाज का कल्याण भी होता है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो काम जिसके परिणाम से परिवार पर दुख का साया भी नहीं मंडरा सकता.
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।
गायत्री मंत्र
शास्त्र, सनातन धर्म और चाणक्य ने मंत्रों में गायत्री मंत्र को सबसे शक्तिशाली और अधिक प्रभावशाली माना है. इस मंत्र के समान संसार में दूसरा कोई मंत्र नहीं, क्योंकि माता गायत्री ने चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद अथर्वेद और सामवेद की उत्पत्ति की है. इन वेदों में सफल जीवन का फॉर्मूला बताया गया है. इनकी जननी माता गायत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति हर संकट से उबर जाता है. मुश्किल घड़ी में गायत्री मंत्र हर समस्या का समाधान निकाल देता है.
दूसरों की सेवा
चाणक्य कहते हैं कि दूसरों की सेवा व्यक्ति को वह सुख पहुंचाती है जिसे वह कभी धन या दूसरी अन्य चीजें पाकर भी आनंद महसूस नहीं करता. गर्मी का मौसम आने वाला है बसंत पंचमी से वातावरण में ठंडक कम हो जाती है. गर्मी में निस्वार्थ भाव से लोगों और पशु-पक्षियों के लिए पानी पीने की व्यस्था करने से व्यक्ति परम सुख को प्राप्त करता है. उसके जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती है.
द्वादशी तिथि
चाणक्य ने अपने श्लोक में द्वादशी तिथि को जीवन में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. द्वादशी तिथि के दिन ही एकादशी व्रत का पारण किया जाता है. चाणक्य और शास्त्र कहता है कि द्वादशी तिथि सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. द्वादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति हो जाता है.
दान
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दान का भाव रखता है उसके जीवन में आने वाले सभी संकट टल जाते हैं और परिवार सदा खुशहाल रहता है. खास बात ये है कि निस्वार्थ भावना ने दान करने वाला व्यक्ति की सात पीढ़ियों तक इसका प्रभाव रहता है. इस कारण लोगों को समय-समय पर अन्न, धन, वस्त्र का दान अवश्य ही करना चाहिए.
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