Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सफलता प्राप्त करनी है तो उसे जीवन में अच्छी चीजों का हिस्सा बनना चाहिए. जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छी चीजों से जुड़ा रहता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अच्छे गुण और अच्छे विचारों के महत्व के बारे में बताते हैं.
विद्वानों की मानें तो व्यक्ति सफल और असफल अपने आचरण से बनता है. यानि व्यक्ति जब अच्छे गुणों को अपनाता है तो वो श्रेष्ठ कहलाता है वहीं जब वह बुरी आदत और बातों पर अमल करने लगता है तो सफलता उससे दूर चली जाती है. इसीलिए जीवन में सफल होना है तो इन 3 बातों को जरूर जान लें.
असत्य का त्याग करें
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए झूठ का सहारा लेता है ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता है. सफलता का अर्थ सिर्फ धन से परिपूर्ण होना नहीं है. सफल होने का अर्थ मनुष्य के आचार-विचार से भी है. जो व्यक्ति दूसरों के हितों की रक्षा करता है. संवेदनाओं से भरा रहता है ऐसे व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है. ऐसे लोग सभी के प्रिय होते हैं.
आलस से दूर रहें
विद्वानों का मानना है कि सफलता में आलस सबसे बड़ी बाधा है. इससे दूर रहना चाहिए. आलसी व्यक्ति आज के कार्य को कल पर डालता है. ऐसे लोग बाद में दुख भोगते हैं. क्योंकि ऐसे लोग लाभ अवसरों को गवां देते हैं. जिस कारण लक्ष्मी जी इनसे रूष्ठ हो जाती है.
लोभ सभी दुखों का कारण है
व्यक्ति को लोभ से दूर रहना चाहिए. लोभ के कारण व्यक्ति का कभी संतुष्ठ नहीं होता है जिस कारण उसका चित्त हमेशा व्याकुल रहता है. लोभ सभी दुखों का कारण है. लोभ करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने स्वार्थ की बात करता है.