Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को जीवन में सफल बनाना है तो सबसे पहले स्वयं के आचरण को बेहतर बनाना चाहिए. क्योंकि श्रेष्ठ आचरण करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफलता प्राप्त करता है. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को गुणों के बारे में बताते हैं. गुणवान व्यकित के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता है. गुणवान व्यक्ति की सभी जगह सराहना होती है.


विद्वानों का मत है कि व्यक्ति की पहचान उसके पद और प्रतिष्ठा से नहीं बल्कि की उसके गुणों से होनी चाहिए. पद और प्रतिष्ठा के साथ साथ यदि व्यक्ति योग्य और प्रतिभावान है तो उसकी शोभा बढ़ जाती है. गुणवान व्यक्ति ही पद की गरिमा को बढ़ाते हैं. इसलिए व्यक्ति को यदि गुणवान बनना है तो इन आदतों से दूर रहना चाहिए.


जीवन में किसी को भी धोखा नहीं देना चाहिए
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने छोटे या बड़े लाभ के लिए किसी को भी धोखा नहीं देना चाहिए. धोखा देने वाले व्यक्ति को सम्मान की नजर नहीं देखा जाता है, क्योंकि ऐसे लोगों की विश्वसनीयता हमेशा संदेह के घेरे में रहती है. धोखा देने वाले व्यक्ति पर लोग सहज विश्वास नहीं कर पाते हैं.


झूठ न बोलें ये बुरी आदत है
ग्रंथों में झूठ बोलने की आदत कतई अच्छा नहीं माना गया है. ये एक बुरी आदत है जो व्यक्ति का वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करती है. झूठ बोलने वाला व्यक्ति अपनी गलती को छिपाने के लिए लगातार झूठ बोलता है. निरंतर झूठ बोलने से सही गलत नहीं हो जाता है. विशेष बात ये है कि झूठ का खुलासा एक न एक दिन हो ही जाता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को लज्जित होना पड़ता है. ये सफलता में बाधा पहुंचाने वाली आदत है.


गलत आदतों को ऐसे दूर करें
गलत आदतों को दूर भी किया जा सकता है. बुरी आदतें गलत संगत से आती हैं. इसलिए सबसे पहले संगत को ठीक करें. विद्वानों के अनुसार संगत का असर व्यक्ति पर बहुत जल्दी पड़ता है. इसलिए अच्छे और सकारात्मका विचारों वाले व्यक्तिओं की संगत करनी चाहिए. मित्रता पद और धन देखकर नहीं करनी चाहिए. मित्रता योग्यता और विचारों को देखकर करनी चाहिए.


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