Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सदैव बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए. बड़े लक्ष्य को लेकर जब आप परिश्रम करेंगे तो आपको निराशा नहीं होगी. लक्ष्य की प्राप्ति में एक बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जब लक्ष्य बड़ा हो तो छोटी-छोटी चीजों में उलझना नहीं चाहिए. इससे लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा आती है और स्वयं की ऊर्जा का नाश होता है.
किसी भी कार्य को पूर्ण करने में ऊर्जा और साहस का बहुत बड़ा योगदान होता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए व्यक्ति के पास सबसे पहले साहस होना चाहिए. बिना साहस के कोई भी प्रयास पूर्ण नहीं होता है. विद्वान मानते हैं कि साहस और ऊर्जा से ही आत्मविश्वास और कुशलता आती है जो लक्ष्य को भेदने में अहम भूमिका निभाती है.
लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा
विद्वानों की मानें तो जब मनुष्य बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ता है तो उसके कार्य में बाधा अवश्य आती हैं, इन बाधाओं से टकराता है और अपने लक्ष्य को लेकर समर्पित रहता है, उसे एक न एक दिन सफलता अवश्य मिलती है. इसलिए बाधाओं से भयभीत न हों.
छोटी-छोटी बातों को गंभीरता से न लें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति जब बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ता है तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. प्रतिद्वंदी भी सक्रिय हो जाते हैं और वे उसके मार्ग में कई प्रकार की दिक्कतें उत्पन्न करने की कोशिश करते हैं. छोटी-छोटी बातों और समस्याओं से अपने लक्ष्य को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि आगे बढ़ते रहना चाहिए.