सफलता की कुंजी: हर माता पिता को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, योग्य बनेगी संतान
Motivational Thoughts In Hindi: सफलता की कुंजी कहती है कि माता पिता को बच्चों के मामले में कुछ विशेष बातों का सदैव ध्यान रखना चाहिए.
Safalta Ki Kunji: संतान को यदि आरंभ से ही अच्छे संस्कारों से अवगत कराया जाए तो, संतान योग्य बनती है. संतान को गुणवान बनाना चाहिए. इसके लिए माता पिता को ठीक उसी प्रकार से परिश्रम करना चाहिए जिस प्रकार से एक किसान अपनी फसल की देखभाल करता है. किसान अपनी फसल की रक्षा करने के लिए गर्मी, सर्दी और बारिश के साथ-साथ कीटों से भी बचाता है. यदि कृषक ऐसा करने में अक्षम रहता है तो उसकी फसल नष्ट हो जाती है.
एकेनापि सुवर्ण पुष्पितेन सुगंधिना। वसितं तद्वनं सर्वं सुपुत्रेण कुलं यथा। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में इस श्लोक का वर्णन करते हुए कहा है कि गुणवान व्यक्ति सभी को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. एक गुण ही व्यक्ति को सफल बनाने के लिए पर्याप्त है. इसलिए व्यक्ति को गुणवान बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए. गुणवान व्यक्ति उसी प्रकार से लोगों को आकर्षित करता है जैसे वन में सुंदर फूलों वाला एक पौधा ही अपनी सुगंध से पूरे वन को महका देता है. उसी प्रकार एक सुपुत्र ही पूरे कुल का नाम रोशन करने के लिए काफी होता है. इसलिए माता पिता को संतान को गुणवान बनाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए. क्योंकि गुणवान और योग्य संतान ही कुल का नाम रोशन करती है.
घर के वातावरण को आर्दश बनाएं बच्चों की प्रथम पाठशाला घर ही होती है. घर के माहौल का बच्चे के मन पर गहरा प्रभाव होता है. विद्वान भी मानते हैं घर का माहौन जिस प्रकार का होगा संतान का आचरण भी उसी प्रकार का होगा. क्योंकि बच्चा अपने आसपास की चीजों से ही अधिक सीखता है. इसलिए घर के माहौल को दूषित नहीं होने देना चाहिए. माता पिता को अपने आचरण पर अधिक ध्यान देना चाहिए. यदि माता पिता के संबंध आपस में अच्छे नहीं होंगे तो इसका प्रभाव संतान पर भी दिखाई देता है. इसलिए माता पिता को आर्दश बर्ताव करना चाहिए.
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