Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति के पास यदि विनम्रता और मधुर वाणी है तो वह बड़े से बड़े कार्यों को आसानी से पूर्ण कर लेता है. गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण ने व्यक्ति के श्रेष्ठ आचरण के बारे में इन दोनों ही गुणों को श्रेष्ठ बताया है.


महाभारत के प्रभावशाली व्यक्तियों की जब बात आती हैं तो इसमें एक नाम विदुर का भी आता है. विदुर धर्मराज के अवतार माने जाते है. विदुर को महात्मा विदुर भी कहा जाता है, क्योंकि उनका आचरण बहुत ही श्रेष्ठ था उनकी वाणी मधुर थी और वे बहुत ही सहज और विनम्र थे. विदुर सदैव सत्य का साथ देते थे. इसी कारण विदुर भगवान श्रीकृष्ण के भी प्रिय थे. भगवान श्रीकृष्ण विदुर का बहुत ही आदर सम्मान करते थे.


विद्वानों की मानें तो सफलता का राज इन्हीं दो गुणों में छिपा है. व्यक्ति जितना विनम्र होगा उसका स्वभाव उतना ही लोगों को प्रभावित करने वाला होगा. मधुर वाणी बोलने वाला व्यक्ति शत्रु को भी अपना बना लेने की क्षमता रखता है.


मधुर वाणी बोलने वाले व्यक्ति को सभी सम्मान प्रदान करते हैं. इनकी बातों को आसानी से मान लेते हैं. वहीं विनम्रता व्यक्ति को महान बनाती है. ये दोनों ही गुण व्यक्ति को ज्ञान और संस्कार से प्राप्त होते हैं. जो व्यक्ति अहंकार से मुक्त होता है और अपने कर्तव्यों को लेकर सजग रहता है वे उसमे ये दोनों ही गुण पाए जाते हैं. ऐसे व्यक्ति हर क्षेत्र में नाम कमाते हैं. ऐसे लोग उच्च पदों पर आसीन होते हैं. इन दोनों ही गुणों से पूर्ण व्यक्ति हर जगह सम्मान प्राप्त करते हैं और मनाव कल्याण में अपना योगदान प्रदान करते हैं. ऐसे लोगों समाज में अनुकरण किया जाता है.


Shani Dev: साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या में कैसे करें शनिदेव को शांत, इन 5 राशियों पर है शनि की दृष्टि


Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा का कब है? इस दिन पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व है