Safalta Ki Kunji: सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में यदि सफल होना है तो गलत आदतों को जितनी जल्दी हो सके त्याग कर देना चाहिए. नहीं तो आसानी से प्राप्त होने वाली सफलताएं भी दूर चली जाती हैं. गीता का उपदेश हो या फिर संतों की वाणी, सभी का सार यही है कि व्यक्ति को जीवन में यदि सफल होना है तो कुछ आदतों से दूर ही रहना चाहिए. सरस्वती जी को ज्ञान की देवी कहा गया है. इस बात को तो सभी जानते और मानते हैं कि ज्ञान ही सभी प्रकार के अंधकार को मिटाता है. जिसके पास ज्ञान है, उसके लिए इस पृथ्वी पर कुछ भी असंभव नहीं है. सरस्वती जिसके पास होती हैं उसके पास लक्ष्मी जी स्वत: ही आ जाती है.
लक्ष्मी जी का उपयोग कैसा किए जाए इसके लिए मां सरस्वती का आर्शीवाद मिलना बहुत ही जरूरी है. बिना सरस्वती के लक्ष्मी जी भी अधिक देर तक नहीं टिकती हैं. मां सरस्वती और लक्ष्मी जी का आर्शीवाद हर किसी को प्राप्त नहीं होता है. इन दोनों देवियों का आर्शीवाद उसी को प्राप्त होता है जो इन आदतों से दूर रहता है.
छल-कपट से दूर रहें
जो व्यक्ति छल कपट से दूर रहता है, वह सभी का प्रिय होता है. ऐसे व्यक्ति जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं. ईश्वर भी ऐसे लोगों की पग-पग पर मदद करते हैं. ऐसे लोगों को मां सरस्वती और लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है. छल कपट और दूसरों का अहित करने वाले व्यक्ति ज्ञान और धन, दोनों से ही वंचित हो जाता है.
व्यसनों से दूर रहें
व्यसन व्यक्ति को कमजोर बनाते हैं और उसकी प्रतिभा को नष्ट करते हैं. इसलिए व्यसनों से दूर रहना चाहिए. व्यसन व्यक्ति को अपना आदी बना लेते हैं. व्यसन से युक्त व्यक्ति कितना ही प्रतिभाशाली क्यों न हो उसे सफलता नहीं मिलती है. व्यसन में फंसा व्यक्ति अपनी प्रतिभाओं का भी सही प्रयोग नहीं कर पाता है. जिस कारण ऐसे लोगों को सरस्वती और लक्ष्मी जी का आर्शीवाद नहीं मिलता है. व्यसन से मुक्त रहने वाले जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं.
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