Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है धन की देवी लक्ष्मी उसी व्यक्ति को अपनी कृपा और आर्शीवाद प्रदान करती हैं जो व्यक्ति अपने जीवन को बहुत ही अनुशासित ढंग से जीता है. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहते हैं जो व्यक्ति अपने सभी कार्य और जिम्मेदारियों को समय पर पूर्ण करता है, वह कभी दुखी नहीं रहता है. विद्वानों का मत है कि लक्ष्मी जी का आर्शीवाद चाहिए तो कुछ बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.
समय पर कार्य पूर्ण करें
चाणक्य नीति भी कहती है कि जो व्यक्ति अपने कार्यों को समय पर पूर्ण नहीं करता है और आज के कार्य को कल पर टलता है. ऐसे लोगों से लक्ष्मी जी नाराज हो जाती है और छोड़कर चली जाती है. समय पर कार्यों को पूर्ण करने वाला व्यक्ति सभी का प्रिय होता है. इसे लोगों के पास अवसरों की कोई कमी नहीं रहती है.
आलस का त्याग करें
आलस का त्याग करने वाला व्यक्ति ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है. आलसी व्यक्ति अवसरों को गवां देता है और बाद में दुखी होता है. सफल और धनवान बनने के लिए आलस का त्याग करें.
क्रोध से दूर रहें
लक्ष्मी जी क्रोध करने वाले व्यक्ति को पसंद नहीं करती हैं. जो व्यक्ति हमेशा दूसरों पर क्रोध करता है ऐसे व्यक्ति को समय आने पर कष्ट उठाने पड़ते हैं. ऐसे व्यक्ति से दूसरे लोग दूरी बना लेते हैं. वहीं क्रोध में व्यक्ति सही गलत का भेद भी नहीं कर पाता है.
झूठ न बोलें
लक्ष्मी जी उन व्यक्तियों को अपना आर्शीवाद नहीं देती हैं जो हर समय झूठ बोलते हैं. या फिर अपने स्वार्थ के लिए झूठ का सहारा लेते हैं. ऐसे व्यक्ति एक बार तो सफल हो सकते हैं लेकिन अंत में इन्हें दुख ही उठाने पड़ते हैं.
विद्वानों का सम्मान करें
लक्ष्मी जी ऐसे व्यक्तियों पर अपनी कृपा अवश्य बनाती हैं जो लोगों की मदद के लिए दान आदि का कार्य करता है और समय समय पर विद्वानों का सम्मान करता है. विद्वानों का सम्मान करने से मां सरस्वती का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है.
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