Safalta Ki Kunji : चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि सच्चा सुख, धन प्राप्त कर लेने मात्र से प्राप्त नहीं होता है. जीवन का सच्चा सुख प्रेम और करूणा में है. जब व्यक्ति इन दोनों ही चीजों से दूर हो जाता है, भ्रम और दोष उसे घेर लेते हैं. भ्रम बुद्धि को जकड़ लेता है और दोष व्यक्ति की प्रतिभा का नष्ट कर देता है. दुख और कष्ट का आरंभ यहीं से आरंभ हो जाता है. इसलिए जीवन को सरल और निर्मल तरीके से जीना चाहिए. जो सरल और निर्मल तरीकों को अपनाते हैं उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.


गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति को उन अवगुणों से बचकर रहना चाहिए जो उसके श्रेष्ठ बनने में बाधक बनते हैं. विद्वानों का मानना है कि सरलता के समझना सबसे जटिल कार्य है. यही कारण है व्यक्ति अवगुणों से जल्द प्रभावित होता है. अवगुणों का त्याग करना या इनसे दूर रहना यह व्यक्ति की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है.


छोटी-छोटी चीजों में आनंद की प्राप्ति करें
विद्वानों की मानें तो व्यक्ति अक्सर बड़ी खुशियों की तलाश में छोटी-छोटी खुशियों का आनंद ही नहीं ले पाता है. खुशियों को किसी पैमाने में बांध कर नहीं देखना चाहिए. खुशियांं हमारे मन को ऊर्जा प्रदान करती हैं. छोटी छोटी खुशियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए, इसमें भी जीवन का रस छिपा होता है. इससे वंचित न हों.


प्रेम और करूणा के महत्व को समझें
प्रेम में किसी को भी अपना बनाने की क्षमता होती है. करूणा शत्रु का भी हृदय बदल सकती है. जीवन में इनका महत्व समझना चाहिए. जीवन को प्रेम और करूणा से गति मिलती है. जीवन में यदि प्रेम नहीं होगा तो समृद्धि और शांति की अनुभूति नहीं होगी. इसलिए प्रेम और करूणा को अपनाएं और जीवन को सार्थक बनाएं.


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