Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार ज्ञान सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करता है और व्यक्ति को अंधेर से प्रकाश की तरफ ले जाता है. गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण ने ज्ञान की महत्व के बारे में बताया है. विद्वानों का भी मत है कि ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ है. इसलिए जीवन में ज्ञान का होना उसी प्रकार से आवश्यक है जिस प्रकार से भोजन में नमक का होना.
मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है. ज्ञान की देवी का आर्शीवाद जिस व्यक्ति को मिल जाता है उसके पास किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं रहता है. ज्ञान अंधकार को दूर करता है और जीवन में प्रगति की रोशनी लाता है. इसीलिए विद्वानों ने ज्ञान के महत्व पर विशेष बल दिया है. ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जीवन में आर्शीवाद चाहिए तो इन आदतों से हमेशा दूर रहें-
आलस से दूर रहें
चाणक्य के अनुसार आलसी व्यक्ति के जीवन में सफलता मुश्किल से आती है. क्योंकि आलसी व्यक्ति लाभ और प्रगति के अवसरों को आलस के कारण गवां देता है. जब उसके संगी साथी उससे आगे निकल जाते हैं तो उसे दुख और पीड़ा होती है. इसलिए जीवन में ऐसी स्थिति न आए इसके लिए आलस का त्याग करना ही बेहतर है.
ज्ञान का उपयोग लोगों की भलाई के लिए करें
ज्ञान का प्रयोग सदैव ही मानवता की भलाई के लिए करना चाहिए. ज्ञान को आत्मसात करना चाहिए. ज्ञान का कभी भी दिखावा नहीं करना चाहिए. ज्ञान का दिखावा करने वालों को सरस्वती जी अपना आर्शीवाद नहीं देती हैं. ज्ञान का प्रयोग लोगों के जीवन को उत्तम बनाने के लिए करना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें मान सम्मान प्राप्त होता है.
स्वच्छता को अपनाएं, गंदगी से दूर रहें
सरस्वती जी और मां लक्ष्मी को स्वच्छता अधिक प्रिय है. स्वच्छता को अपनाने वाले व्यक्ति कुशल और आत्मविश्वासी होते हैं. ऐसे लोगों से सरस्वती और लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं और अपना आर्शीवाद भी प्रदान करती है. ऐसे लोगों के पास ज्ञान और धन की कोई कमी नहीं रहती है. गंदगी से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये कई प्रकार के रोगों को भी जन्म देती है.
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