Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सदैव ही अपनी संगत पर विशेष ध्यान देना चाहिए. अच्छे विचारों से युक्त व्यक्तियों के साथ संगत करने से जहां सफलता के द्वार खुलते हैं वहीं गलत आदतों वाले व्यक्तियों के साथ रहने से भाग्य की हानि होती है. भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. गीता के उपदेश में भी अच्छे गुणों को अपनाने पर जोर दिया गया है.
विद्वानों का भी मत है कि व्यक्ति के जीवन में संगत का बहुत बड़ा योगदान होता है. इसीलिए जीवन में यदि सफल होने है तो हमेशा अच्छे लोगों का सानिध्य प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.
स्वार्थी लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखें
विद्वानों की मानें तो स्वार्थी लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. क्योंकि स्वार्थी व्यक्ति सदैव ही अपने हित के बारे में सोचता है इसलिए वक्त आने पर ऐसे लोग धोखा भी दे सकते हैं. इसलिए स्वार्थी लोगों से सतर्क और सावधान रहना चाहिए.
नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों की कभी संगत नहीं करनी चाहिए
प्रबुद्धजनों का मानना है कि जीवन में नकारात्मक चीजों से बचना चाहिए. यदि आपके आसपास कोई ऐसा शख्स है जो हमेशा नकारात्मक बातें करता है या फिर हर विषय पर उसकी नकारात्मक सोच रहती है तो ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए. जीवन में सफलता सकारात्मक सोच से मिलती है. सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और ऊर्जा से भरा रहता है. ऐसे लोग विपरीत परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करते हैं.
लोभ करने वाला व्यक्ति हमेशा कष्ट देता है
चाणक्य के अनुसार लोभ कई प्रकार के कष्टों को जन्म देता है. इसलिए ऐसी व्यक्ति से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए जो हर कार्य को लोभ के कारण करता है. लोभ के कारण कभी कभी इंसान सही और गलत का भेद नही करता है. लोभ के कारण ऐसा व्यक्ति हर चीज में लाभ तलाश करता रहता है. ऐसे लोग संबंध भी लाभ के लिए बनाते हैं. लाभ के लिए बनाए गए संबंध अधिक समय तक नहीं चलते हैं.
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