Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि ज्ञान वो प्रकाश है, जिससे जीवन का अंधकार दूर होता है और व्यक्ति के जीवन में रोशनी आती है. विद्वानों का भी मानना है कि बिना ज्ञान के कुछ भी संभव नहीं है. जीवन के महत्व को जानने के लिए भी ज्ञान की आवश्यकता होता है.


गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं जीवन के सार को जानना है तो ज्ञान के महत्व को जानना होगा. ज्ञान ही मनुष्य को आगे ले जाता है. चाणक्य की मानें तो ज्ञानी व्यक्ति समाज की दशा और दिशा बदलने में सहायक होते हैं. ज्ञान के महत्व को जिसने समझ लिया उसके लिए कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं है.


शास्त्रों में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है. मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करके व्यक्ति स्वयं के जीवन में तो प्रकाश भरता ही है साथ ही साथ दूसरों के जीवन में भी रोशनी लाने का कार्य करता है. इसीलिए ज्ञानी व्यक्ति को हर स्थान पर सम्मान प्राप्त होता है. मां सरस्वती की कृपा चाहिए तो इन बातों को हमेशा ध्यान में रखें.


अनुशासन से शिक्षा ग्रहण करें
विद्वानों की मानें तो ज्ञान कहीं से भी और किसी से भी प्राप्त किया जा सकता है. ज्ञान को प्राप्त करने के लिए कठोर से कठोर अनुशासन का पालन करना पड़े तो करना चाहिए. ज्ञान आसानी से प्राप्त नहीं होता है. इसके लिए ठीक उसी तरह से प्रयास करने चाहिए जिस प्रकार से कोई संत अपनी साधना को पूर्ण करने के लिए कठोर तप करता है. उसी तरह से कठोर परिश्रम और अनुशासन का पालन करते हुए ही श्रेष्ठ ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता है.


ज्ञान का प्रयोग जन कल्याण के लिए करें
मां सरस्वती उन लोगों को विशेष आशीष प्रदान करती हैं जो ज्ञान को प्राप्त करने के बाद उस ज्ञान को लोक कल्याण के लिए समर्पित कर देते हैं. सभी जानते हैं ज्ञान बांटने से बढ़ता है. इसलिए ज्ञान को किसी दायरे में नहीं रखना चाहिए. ज्ञान का स्वयं भी लाभ लेना चाहिए और दूसरों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए भी इसका प्रयोग करना चाहिए. जो लोग ऐसा करने में सफल होते हैं उन्हें जीवन में सम्मान प्राप्त होता है.


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