Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में सफलता कुछ चीजों पर निर्भर करती है. परिश्रम कोई विकल्प नहीं है. लेकिन परिश्रम के साथ जब इन चीजों का संयोग स्थापित हो जाता है तो व्यक्ति को बड़ी सफलता मिलने से कोई नहीं रोक पाता है. 


गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण परिश्रम और अच्छे गुणों को अपनाने पर बल देते हैं. भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र में अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति को सदैव श्रेष्ठ गुणों को अपनाना चाहिए. विद्वान भी मानते हैं कि परिश्रम के साथ कार्य की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.


आज का दौर प्रतिस्पर्धा वाला है. ऐसे में परिश्रम के साथ कार्य की गुणवत्ता और समय का प्रबंधन का उचित ज्ञान व्यक्ति की सफलता में चारचांद लगा देता है. इसलिए व्यक्ति को इनके बारे में भी गंभीरता से विचार करना चाहिए और इन्हें अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. परिश्रम, कार्य की गुणवत्ता और समय के प्रबंधन के बारे में जिसे ज्ञान हो जाता है, उसे बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में अधिक समय नहीं लगता है. इसके साथ इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.


कार्य की गुणवत्ता
विद्वानों का मानना है कि कार्य की गुणवत्ता व्यक्ति को अलग पहचान प्रदान करती है. इसलिए कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए. समय के साथ होने वाले बदलावों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए.


समय का प्रबंधन
समय का प्रबंधन एक कला है, जो इस कला को सीख लेता है उसे सफलता प्राप्त करने के अधिक परिश्रम और संघर्ष नहीं करना पड़ता है. इसलिए हर व्यक्ति को अपने कार्य को समय पर पूर्ण करने की कोशिश करनी चाहिए. जो व्यक्ति समय प्रबंधन के महत्व को नहीं जानते हैं वे सफलता से भी दूर रहते हैं.


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