Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए. अच्छे गुणों से ही व्यक्ति सफल और महान बनता है. गलत तरीकों को अपनाकर कुछ देर के लिए तो सफल हुआ जा सकता है लेकिन जब लोगों को इसका पता चलता है तो अपयश का सामना भी करना पड़ता है.


गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि मनुष्य को सदैव अच्छे गुणों को अपने भीतर समाहित करना चाहिए. अच्छे गुण व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं. गलत कार्यों को करने से दुख, संकट और अपयश ही प्राप्त होता है. इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए. क्योंकि गलत का परिणाम कभी अच्छा नहीं हो सकता है. इसलिए अच्छे गुणों को अपनाने पर जोर देना चाहिए.


प्रेम से किसी को भी जीता जा सकता है
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं प्रेम से किसी को भी अपना बनाया जा सकता है. प्रेम की शक्ति असीमित है. इसका गहराई को कोई नाप नहीं सका है. जिसने प्रेम करना सीख लिया, उसके भीतर दूसरों को अपना बनाने की शक्ति आ जाती है. प्रेम से ही इस जग को जीता जा सकता है. प्रेम का कोई विकल्प नहीं है. प्रेम से हर प्रकार के दोष को समाप्त किया जा सकता है. जीवन में यदि शांति को तलाशना है तो प्रेम की शक्ति को पहचानो.


क्रोध को नष्ट करो
क्रोध को नष्ट किए बिना व्यक्ति स्वयं की प्रतिभा को नहीं पहचान सकता है. विद्वानों की मानें तो क्रोध ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है. जिस व्यक्ति ने इस पर विजय प्राप्त कर ली उसके लिए कोई भी लक्ष्य दूर नहीं है. क्रोध से दूर रहना चाहिए. क्रोध व्यक्ति की प्रतिभा, कोमलता को नाश करता है. क्रोध करने वाले से लोग दूरी बना लेते हैं. ज्ञान और अध्यात्म से क्रोध का नाश किया जा सकता है.


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