Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति हो या फिर गीता का उपदेश, सभी में ज्ञान और धन के महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है. ज्ञान जीवन के सभी अंधकारों को मिटाता है, वहीं धन जीवन को सरल और सहज बनाता है. बुरे वक्त में धन ही सच्चे मित्र की भूमिका निभाता है. इसलिए ज्ञान और धन के महत्व को जानना बहुत ही जरूरी है.


ज्ञान प्राप्त करने के लिए परिश्रम और लगन चाहिए
चाणक्य के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिए स्थान और व्यक्ति को नहीं देखना चाहिए, ज्ञान जहां से भी मिल सकता है, उसे ले लेना चाहिए. विद्वान भी मानते हैं ज्ञान को प्राप्त करना उतना ही कठिन है, जितना की हिमालय की चोटी को स्पर्श करना है. ज्ञान को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति में दो गुणों का होना बहुत ही जरूरी है. ज्ञान विनम्रता और लगन से प्राप्त होगा. जब तक व्यक्ति में विनम्रता और लगन नहीं है ज्ञान की देवी सरस्वती का आर्शीवाद प्राप्त नहीं हो सकता है.


धन बुरे वक्त का साथी है
पौराणिक ग्रंथ धन के बारे में यही बताते हैं कि धन का संचय करना चाहिए. जो व्यक्ति भविष्य को ध्यान में रखकर धन की बचत करता है उसे बुरे समय में कोई परेशानी नहीं होती है. धन पास होने से बुरा वक्त भी आसानी से कट जाता है. चाणक्य नीति कहती है कि बुरे वक्त में धन ही सच्चे मित्र की भूमिका निभाता है. धन की देवी बहुत चंचल है, इसे ज्ञान से नियंत्रित किया जा सकता है. धन का प्रयोग कभी भी दूसरों का अहित करने के लिए नहीं करना चाहिए, जो ऐसा करते हैं वे भविष्य में बड़ी मुसीबत उठाते हैं.


ज्ञान और धन जिसके पास है, वह सुखी है
ज्ञान और धन जिसके पास है उसके जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आती है. ऐसे लोगों का बुरा समय यदि आ भी जाए तो आसानी से गुजर जाता है. ज्ञान बुरे वक्त को कैसे काटा जाए, इसके बारे में बताता है. धन और ज्ञान का जो व्यक्ति सही प्रयोग करते हैं वे सदा प्रसन्न रहते हैं और समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं.


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