Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सम्मान तभी प्राप्त होता है जब वो श्रेष्ठ कार्य करता है और दूसरों के हितों का ध्यान रखता है. समाज में वही व्यक्ति सम्मान प्राप्त करता है जो अपने प्रत्येक कार्यों को ईमानदारी से कार्य करता है. जो व्यक्ति सम्मान प्राप्त करने के लिए गलत कार्यों का सहारा लेते हैं, वे सच्चाई सामने आने पर अपयश के भागी बनते हैं. ऐसे लोगों को निंदा का सामना भी करना पड़ता है. इसलिए सम्मान प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार के गलत कार्यों को नहीं करना चाहिए. व्यक्ति को अपने परिश्रम और प्रतिभा पर पूरा भरोसा रखना चाहिए.


गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति ही श्रेष्ठ और अनुकरणीय है, जो अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे ढंग से पूर्ण करता है और दूसरों के सम्मान की चिंता करता है. जो व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है वो हर स्थान पर आदर प्राप्त करता है.
विद्वानों की मानें तो समाज में वही सम्मान पाता है जो गलत आदतों से दूरी बना कर रखता है. इन तीन आदतों से दूर रहने वाला व्यक्ति सभी का प्रिय होता है. इसलिए इन बातों को आप भी जान लें.


गलत कामों की कभी सराहना नहीं करनी चाहिए
गलत कार्यों की भूल कर भी सराहना नहीं करनी चाहिए. गलत को गलत कहना चाहिए. जो व्यक्ति गलत को गलत कहने का साहस नहीं जुटा पाता है, ऐसे लोग कभी आदर और सम्मान प्राप्त नहीं करते हैं. अच्छे कार्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए.


गलत संगत का त्याग करें
गलत संगत व्यक्ति की सोच और छवि को प्रभावित करती है. इसलिए व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर सदैव सतर्क रहना चाहिए. संगत हमेशा योग्य औ विद्वान व्यक्ति की करनी चाहिए. ऐसा करने से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है.


आलस से दूर रहें
जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो आलस का त्याग करें. आलस हर प्रकार की सफलता में बाधा बनता है. आलस व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है, इसलिए इससे दूर रहना चाहिए.


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