Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति अपने आचरण से महान बनता है. गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति अपने गुणों से महान बनता है. अच्छे गुण ही व्यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंचाते हैं.


अच्छे गुणों से युक्त व्यक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता है. गुणवान व्यक्ति अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल स्वयं के विकास और दूसरों की भलाई के लिए करता है. ऐसे व्यक्ति पर लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती हैं. वहीं ऐसे लोगों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. ऐसे लोग समाज को भी दिशा देने में अहम भूमिका निभाते हैं. क्योंकि गुणवान व्यक्ति के आचरण का लोग अनुसरण करते हैं. ऐसे लोगों के पास धन की भी कोई कमी नहीं रहती है.


मनुष्य को जीवन में गंदी आदतों से बचकर रहना चाहिए. गलत आदतें व्यक्ति को जल्द प्रभावित करती हैं इसलिए व्यक्ति यदि शिक्षित, चिंतनशील और संस्कारवान नहीं है तो उसका नुकसान होना सुनिश्चित है. गलत आदतें व्यक्ति की प्रतिभा को नाश करती हैं इसके बाद उसकी मौलिकता को नष्ट करती है. इसके बाद बुलंदी पर बैठे व्यक्ति को भी जमीन पर आने पर देर नहीं लगती है. इसलिए इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.


अहंकार न करें
चाणक्य के अनुसार अहंकार से मनुष्य को हमेशा दूर रहन चाहिए. अहंकार से युक्त व्यक्ति गलत कार्यों में लिप्त हो जाता है और जब तक उसे अपने गलतियों का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. अहंकार के कारण ही ज्ञान रावण का पतन हुआ है. धनवान व्यक्ति को अहंकार से कोसों दूर रहना चाहिए.


स्वयं को पहचानो
मनुष्य जब सफलता प्राप्त कर लेता है तो उसकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है. मनुष्य को सदैव मानवता के कल्याण के लिए सोचना चाहिए. जो व्यक्ति दूसरों के हितों की अनदेखी करता है, वह समय आने पर दुख और कष्ट को भोगता है. इसीलिए स्वयं को जानना चाहिए. मनुष्य का जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए. जिससे सभी का भला हो.


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