Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी जीवन रूपी रथ के दो ऐसे पहिए हैं जिनमें से यादि एक भी कमजोर पड़ जाए तो परिवार का तानाबाना बिखरने लगता है. ऐसी स्थिति में परिवार की इकाई कमजोर पड़ने लगती है और घर में कलह का प्रवेश हो जाता है.
परिवार की सुख समृद्धि पति और पत्नी के मधुर रिश्तों पर टिकी हुई है. अगर ये खराब हो जाएं या कमजोर पड़ जाएं तो तनाव और विभिन्न प्रकार की समस्याओं को जन्म देने लगता है. चाणक्य के अुनसार पति और पत्नी दोनों को इन चीजों को लेकर सदैव गंभीर रहना चाहिए. क्योंकि जब पति और पत्नी में ही विचारों की एकता और आपसी तालमेल नहीं होगा तो माता लक्ष्मी भी ऐसे घर का त्याग कर देती हैं. इसलिए इस स्थिति से बचते हुए इन बातों पर ध्यान देना चाहिए-
प्रेम और सौहार्द में नहीं आनी चाहिए कमी
घर को स्वर्ग बनाने की पहली शर्त प्रेम और सौहार्द है. जब पति और पत्नी में भरपूर प्रेम और सौहार्द होता है तो घर खुशियों से भर जाता है. बड़ी से बड़ी विपत्ति आने पर निराशा और तनाव नहीं होता है.
रिश्तों में न आने दें दूरियां
पति और पत्नी के रिश्ते में दूरियां नहीं होनी चाहिए. दोनों लोगों को एक साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसा करने से आपसी तालमेल बढ़ता है. एक दूसरे को समझने और जानने का मौका मिलता है. घर परिवार को चलाने के लिए यह बहुत जरुरी है कि एक दूसरों को अच्छे ढंग से जानते हों. यह तभी संभव है जब एक दूसरे का साथ बना रहेगा.
एक दूसरे की जरुरतों को अनदेखा न करें
पति और पत्नी दो अच्छे मित्र भी होते हैं. इस रिश्ते को कायम रखने के लिए बहुत जरुरी है कि एक दूसरे की अच्छी और बुरी दोनों बातों का ध्यान रखा जाए. वहीं एक दूसरे की जरुरतों को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से इस रिश्तों को नई दिशा और मजबूती मिलती है.
एक दूसरे में नहीं होनी चाहिए प्रतिस्पर्धा की भावना
पति और पत्नी के बीच प्रतिस्पर्धा जैसी कोई भावना नहीं होनी चाहिए. क्योंकि पति और पत्नी का सम्मान अलग अलग नहीं होता है. परिवार या घर में किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए दोनों का सयुंक्त प्रयास ही सार्थक होता है. इससे दोनों का सम्मान बढ़ता है. लोगो ऐसे दंपति की सराहना करते हैं.
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