Chanakya Niti Hindi: चाणक्य एक महान विद्वान होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक भी थे. चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से था. चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के शिक्षक थे. अपने समय में तक्षशिला विश्वविद्यालय की ख्याति पूरी दुनिया में थी. विशेष बात ये है कि चाणक्य ने इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और बाद में वे इसी विश्वविद्यालय में शिक्षक भी बनें.
चाणक्य ने युवाओं को ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक बताया है. चाणक्य के अनुसार युवा होना एक धर्म के समान है. युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे मजबूत शक्ति होते हैं. जिस राष्ट्र के युवा जागरूक, शिक्षित और कुशल होते हैं वह राष्ट्र सदैव तरक्की करता है. इसीलिए युवा को युवा शक्ति भी कहा जाता है. युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत होती है. इसीलिए चाणक्य ने युवाओं को कुछ आदतों से दूर रहने के लिए कहा है.
नशे की आदत से युवाओं को दूर रहना चाहिए
चाणक्य के अनुसार किसी भी प्रकार नशा सिर्फ नाश ही करता है. चाणक्य नीति कहती है कि युवाओं को सिर्फ नशा ही नहीं हर प्रकार की गलत आदतों से दूर रहना चाहिए. क्योंकि कोई भी गलत आदत युवा अवस्था में ही पनपती है. इसलिए युवा अवस्था में बहुत ही सर्तक रहना चाहिए. चाणक्य के अनुसार युवाओं को नशे की लत से बचना चाहिए. नशा व्यक्ति के दिमाग की क्षमता को प्रभावित करता है और शरीर को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए.
अंहकार से दूर रहें
चाणक्य नीति कहती है कि युवाओं को अंहकार से मुक्त रहना चाहिए. युवाओं के लिए अंहकार विष के समान है. युवाओं को युवा अवस्था में ज्ञान की खोज के लिए समर्पित रहना चाहिए, जो युवा अंहकार में डूबा रहेगा वह ज्ञान को खोज नहीं कर सकता है. चाणक्य के अनुसार जिसके पास ज्ञान नहीं वह सत्य से दूर है.
भोग विलास से दूर रहना चाहिए
चाणक्य के अनुसार युवाओं को भोग विलास की वस्तुओं से दूर रहना चाहिए. जो युवा इन वस्तुओं का त्याग कर देता वह युवा अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है. युवाओं को ऐसी किसी भी वस्तु का आदी नहीं होना चाहिए जो लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा बने.
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