Chanakya Niti: ऐसे लोग हमेशा खाते हैं धोखा, न करें ये काम
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जब इंसान दूसरे इंसान को परखने में गलती करता है तो उसे धोखा मिलता है. इस धोखे से बचने के लिए व्यक्ति को सदैव सावधान रहना चाहिए. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति.

Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की गिनती विश्व के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ एक योग्य अर्थशास्त्री और कुशली रणनीतिकार भी थे. चाणक्य का संबंध अपने समय के विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से था. चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी और बाद में वे इस विश्वविद्यालय में शिक्षक भी बनें.
चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर जो भी सीखा और भोगा उसे अपनी चाणक्य नीति में दर्ज किया. सैकड़ों वर्ष बाद भी चाणक्य नीति की प्रासंगिता कम नहीं हुई है. आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति का नित्य अध्ययन करते हैं. चाणक्य नीति व्यक्ति को अच्छे बुरे का अंतर बताती है और व्यक्ति को सुख और दुख में किस तरह से बर्ताव करना चाहिए, इस बारे में भी बताती है.
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को जब धोखा मिलता है तो वह टूट जाता है. उसे संभालने में वक्त लगता है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति तभी धोखा खाता है जब वह सामने वाले व्यक्ति को पहचाने में चूक कर जाए. धोखा न मिले इसके लिए व्यक्ति को सदैव सावधान रहना चाहिए और आचार्य चाणक्य की इन बातों पर अमल करना चाहिए-
मित्र बनाते समय सर्तक रहें चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति मित्र बनाने में सावधानी नहीं बरतता है तो उसे धोखा मिलता है. इसीलिए मित्र बनाते समय व्यक्ति को बेहद सर्तक रहना चाहिए. क्योंकि मित्र व्यक्ति के सभी अच्छे बुरे कार्यों के बारे में जानता है. मित्र जब सही न हो तो वो इन चीजों का इस्तेमाल में अपने हित में कर सकता है. इसलिए मित्रता सोच समझकर ही करनी चाहिए.
संकट के समय होती है मित्र,पत्नी और नौकर की पहचान चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति की पहचान सुख में नहीं बल्कि दुख में होती है. जब व्यक्ति संकट में होता है तभी मित्र, पत्नी और नौकर की पहचान होती है. संकट के समय जो साथ छोड़ दे, वह कभी करीबी नहीं होता है. बुरे वक्त में जो साथ दे वहीं सच्चा साथी होता है. संकट के समय जो मदद के लिए खड़ा रहे उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए.
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