Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की गिनती देश के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य शिक्ष होने के साथ-साथ एक योग्य सलाहकार, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे. चाणक्य ने समाज का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य इस बात को मानते थे कि समाज का निर्माण व्यक्ति से होता है. समाज के लिए व्यक्ति बहुत ही महत्वपूर्ण है.
व्यक्ति अकेले नहीं रह सकता है. इसीलिए उसे रिश्तों का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन रिश्ते सही तरह से चलें यह बहुत ही जरुरी है. चाणक्य के अनुसार रिश्ते तभी मधुर रहते हैं जब रिश्ते में मर्यादाओं की सीमा को न लांघा जाए.
चाणक्य के अनुसार जब रिश्तों में सीमाओं को पार किया जाता है तो रिश्तों में खटास आने लगती है. यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो संबंध खराब या टूटने की स्थिति में आ जाते हैं. इसलिए संबंध या रिश्तों में सदैव इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
संबंधों को ईमानदार से निभाएं
कोई भी संबंध तब तक नहीं चल सकता है जब तक उसमें ईमानदारी न हो. संबंध मुधर रखने की पहली शर्त ईमानदारी है. संबंधो के मामले में जब ईमानदारी का लोप होने लगता है तो संबंध बिखरने और टूटने लगते हैं. फिर चाहे पति और पत्नी के संबंध क्यों न हों.
झूठ से बचें
चाणक्य के अनुसार किसी भी रिश्ते में झूठ की कोई संभावना नहीं होती है. जो रिश्ते झूठ की नींव पर खड़े होते हैं उन रिश्तों की उम्र बहुत अधिक नहीं होती है. ऐसे रिश्ते जल्द खत्म हो जाते हैं. इसलिए रिश्तों में झूठ का न आनें दें.
समर्पण का भाव बनाएं रखें
चाणक्य नीति कहती है कि किसी भी रिश्ते में जब समर्पण का भाव समाप्त हो जाता तो रिश्ता कमजोर होने लगता है. क्योंकि हर रिश्ते में समर्पण की जरुरत होती है. समर्पण की भावना से रिश्ता मजबूत होता है जब यही नहीं होगा तो रिश्ता कमजोर ही रहेगा.
रिश्ते में एक दूसर का सम्मान करें
कोई भी रिश्ता हो. यदि उसमें एक दूसरे के प्रति सम्मान नहीं है तो वह रिश्ता अधिक दिनों तक नहीं चलता है. चाणक्य नीति कहती है कि सम्मान देने से सम्मान प्राप्त होता है. इसलिए सम्मान कभी कम न होने दें.
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