Chanakya Niti: इंसानों की जिदंगी उतार-चढ़ाव से भरी पड़ी है. कभी खुशियों की बारिश होती है तो कभी गम के घने बादल छाए रहते हैं. चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य अच्छा और बुरा वक्त उसके कर्म पर निर्भर करता है. चाणक्य ने एक ऐसी चीज के बारे में जिक्र किया है जो व्यक्ति की समस्याओं की जड़ मानी जाती है. यहां तक की गीता में भी इसका वर्णन है, जो व्यक्ति को नरक की ओर ले जाता है. चाणक्य कहते हैं कि इस चीज का जितनी जल्दी त्याग कर दें उसमें ही भलाई है. ऐसा करने पर जिंदगी में सुख, शांति बनी रहेगी.
यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम् ।
स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्तवा वसेत्सुखम् ।।
मोह है समस्याओं की जड़
चाणक्य कहते हैं कि मोह-लगाव सभी प्रकार के दुखों का स्रोत है. मोह व्यक्ति का अज्ञान बढ़ता है और जीवन में समस्याएं शुरू होने लगती हैं. मोह के जाल में फंसकर व्यक्ति अंधा हो जाता है और वह गलत की जानकारी होने पर भी अनिष्ट करने से खुद को रोक नहीं पाता. यही उसके दुख का कारण बनता है. महाभारत में धृतराष्ट्र को दुर्योधन से इतना मोह था कि वह अपने पुत्र को गलत काम करने से भी रोक नहीं सके और अंत में कुल का नाश हो गया.
लक्ष्य से भटकाता है लगाव
मनुष्य जीवन में धन, रिश्ते, वासना आदि किसी भी चीज का अधिक लगाव व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्ति के रास्ते से भटका देता है और उसे संघर्ष का सामना करना पड़ता है. श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि जब कोई मोह त्याग देता है तो उसे मेरी कृपा मिल जाती है. मोह रहित व्यक्ति परम आनंद प्राप्त करता है. गीता में कहा गया है कि काम, क्रोध व लोभ यह तीन प्रकार के नरक के द्वार है जो व्यक्ति के पतन का कारण बनते हैं. इन्हें त्याग देने में ही भलाई है.
Chanakya Niti: जिन स्त्री-पुरुष के पास हैं ये 5 चीजें, हमेशा खुशहाल रहता है उनका जीवन
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.