(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chanakya Niti: इस 'रस' से दूर रहने से ही जीवन होगा खुशहाल, न पड़ने दें इसकी आदत
Chanakya Niti In Hindi: मनुष्य का जीवन बहुत कीमती है. मनुष्य को अपने इस जीवन का मोल पहचाना चाहिए. क्योंकि पौराणिक कथाओं में कहा गया कि पुर्नजन्मों में किए गए श्रेष्ठ कर्माें के आधार पर ही मनुष्य का जीवन मिलता है.
Chanakya Niti Hindi: जीवन अनमोल है. ऐसा आचार्य चाणक्य का मानना था. आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए कई विचार दिए. इन विचारों को उन्होंने अपनी चाणक्य नीति में समाहित किया. मनुष्य के जीवन को लेकर चाणक्य के विचारों को यदि अमल में लाया जाए तो मनुष्य जीवन के सार को समझ जाएगा और उसके तमाम दुख और कष्ट दूर हो जाएंगे.
चाणक्य के अनुसार जो जीवन का महत्व नहीं समझता है वह पशु के समान है. मनुष्य को जीवन का दर्शन समझना चाहिए, ये ईश्वर और प्रकृति का दिया हुआ ऐसा उपहार है जिसकी जितनी सराहना और कृतज्ञता व्यक्त की जाए कम है. इसलिए जीवन इस तरह से जीएं-
सकारात्मक सोच के साथ जीवन का आनंद उठाएं जीवन में जितनी सकारात्मकता होगी जीवन उतना ही खुशहाल होगा. जीवन में सकारात्मकता आती है अच्छे विचारों से. और अच्छे विचार आते हैं संस्कार, ज्ञान और विज्ञान से. जो लोग इन चीजों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए बढ़ते हैं वे जीवन का सही अर्थ जानते हैं.
निराशा और ईर्ष्या का त्याग करें जीवन में निराशा के भाव कभी नहीं लाने चाहिए. इससे आत्मविश्वास में कमी आती है. श्रम पर भरोसा करते हुए कार्य करते रहना चाहिए. परिणाम कुछ भी हों. ध्यान रहे मेहनत से किया गया श्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता है जीवन के कई मोडों पर यह काम आता है. जीवन में किसी से कभी जलन या ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए, इनसे जितना हो सके दूर रहने की चेष्टा करनी चाहिए क्योंकि जीवन में निराशा की पहली किरण ईर्ष्या है.
लोगों को अपना बनाएं, प्रकृति से प्रेम करें जीवन को खुशहाल बनाने के लिए लोगों को अपना बनाएं. उनके दिल में जगह बनाएं. ऐसा करेंगे तो ये जीवन खुशियों से भर जाएगा. बिना भेदभाव के लोगों से मिलें. सभी से प्रेम करें. प्रकृति से जुड़े. प्रकृति को अपनाएं. जितना प्रेम और प्रकृति से जुड़ेंगे जीवन उतना ही बेहतर होगा.
निंदा रस से रहें दूर जीवन को बहेतर ढंग से जीना है तो व्यक्ति को निंदा रस से बचना चाहिए. जीवन के लिए यह रस बहुत ही घातक है. निंदा करना और सुनना बंद कर दें. नहीं तो इसकी आदत पड़ जाती है. लोगों को इसमें आनंद आने लगता है. यह सबसे खतरनाक होता है.
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