Chanakya Niti In Hindi: भारत में कोरोना वायरस के मामले कम नहीं हुए हैं. ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने के लिए लगातार कहा जा रहा है. आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. उनका मानना था कि जब विपत्ति बड़ी और महामारी फैली हो तो लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है.


चाणक्य ने हर उस चीज का बड़ी ही गहराई से अध्ययन किया जो मानव को प्रभावित करती है. महामारी भी इनमें से एक है. महामारी एक संकट के समान है. लेकिन इससे बचने के तरीके भिन्न होते हैं. चाणक्य के मानें तो महामारी एक छिपे हुए शत्रु के समान होती है. जो नजर नहीं आती है लेकिन मौका पाकर हमला कर देती है. यादि सर्तकता और सावधानी न बरती जाए तो ये हमे धरासायी भी कर सकती है. इसलिए महामारी से बचने के लिए इन बातों को जानना बहुत ही जरुरी है.


सेहत से न करें खिलवाड़
महामारी के समय सेहत के मामलें में किसी भी प्रकार का खिलवाड़ मुसीबत में डाल सकता है. इसलिए बेहतर यही है कि शरीर को जितना मजबूत बना सकते हैं बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए. क्योंकि शरीर जब मजबूत होगा तो महामारी का खतरा भी कम होगा.


खानपान पर दें उचित ध्यान
बीमारी से बचने के लिए खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. खान पान के मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. ऐसे दौर में पौष्ठिक भोजन ग्रहण करना चाहिए. भोजन में वे तत्व शामिल करने चाहिए जो शरीर के लिए जरुरी होते हैं.


बचाव के उपाय अपनाएं
महामारी से बचने के लिए जो भी विशेषज्ञों द्वारा उपाय बताए जाते हैं उनका पालन करना चाहिए. बचाव के उपाय अपनाने में किसी भी तरह की कोई लापरवाही करना चाहिए. ऐसा करना खतरे को दावत देने जैसा होता है.


छिप कर महामारी पर करें वार
महामारी छिपे हुए शत्रु के समान है. इसलिए इस पर छिपकर ही बार करना चाहिए. जब शत्रु दिखाई न दें तो सर्तक हो जाना चाहिए और सबसे पहले स्वयं को सुरक्षित करने की रणनीति बनानी चाहिए. महामारी के समय व्यक्ति को घर में ही कैद कर लेना चाहिए. इसी में समझदारी है और यही महामारी से बचने का सही तरीका है.


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