Chanakya Niti: संकट के समय जरा सी लापरवाही, सब कुछ कर सकती है नष्ट, जानें आज की चाणक्य नीति
चाणक्य(Chanakya) की चाणक्य नीति (Chanakya Niti)संकट से बचाती है.चाणक्य के अनुसार संकट (Crisis) के समय सावधान और सर्तक रहना चाहिए.संकट के समय जरा सी चूक बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है.
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Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य की मानें तो संकट हर व्यक्ति के जीवन में आते हैं. संकट और बुरा वक्त कभी कभी व्यक्ति को सच्चा ज्ञान भी कराता है. चाणक्य के अनुसार संकट के समय ही व्यक्ति को अपने और पराए का अंतर पाता चलता है. संकट के समय स्वार्थी और लोभी सबसे पहले साथ छोड़ देते हैं. व्यक्ति के बुरे समय में जो साथ खड़ा रहे और हर समय मदद तथा सहयोग के लिए तैयार रहें. ऐसे लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए और इनका शुक्रिया अदा करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार इस धरती पर ऐसा कोई भी नहीं है जिसके जीवन में उतार चढ़ाव की स्थिति न आई हो. हर व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख आते हैं. जिस प्रकार से रात के बाद दिन होता है, उसी प्रकार से दुख के बाद खुशियां आती हैं. चाणक्य की मानें तो व्यक्ति को संकट के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए. संकट कभी बता कर नहीं आते हैं. यदि आप पूर्व से ही इन स्थितियों के लिए स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रखते हैं तो संकट कितना ही बड़ा क्यों न हो, आसानी से टल जाता है.
संकट के समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जो लोग चाणक्य की इन बातों का हमेशा ध्यान रखते हैं वे, संकटों का सामना आसानी से कर लेते हैं. संकट के समय इन बातों को याद रखें-
संकट को शत्रु की तरह लेना चाहिए
चाणक्य के अनुसार संकट को खतरनाक शत्रु की तरह लेना चाहिए. जिस प्रकार शत्रु के हमलों से बचने का प्रयास किया जाता है उसी प्रकार से संकट के समय बचाव के उपाय करने चाहिए. संकट को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. संकट को हमेशा चुनौती मान कर स्वीकार करना चाहिए.
संकट के समय धन का महत्व
चाणक्य के अनुसार संकट के समय धन की सही उपयोगिता समझ में आती है, इसलिए धन की बचत करनी चाहिए. धन का संचय मुसीबतों से बचाता है. धन जब पास में रहता है तो व्यक्ति को संकट से उभरने में मदद मिलती है. इसलिए धन का कभी अनावश्यक व्यय नहीं करना चाहिए.
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