(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chanakya Niti: सोना गंदगी में भी हो तो उसे ले लेना चाहिए, चाणक्य की इस बात के पीछे क्या है गहरा राज, जानें
Motivation Thought in Hindi: चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार अच्छी चीज को ग्रहण करने में संकोच नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति.
Chanakya Niti, Motivation Thought in Hindi: चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य को हर परिस्थिति के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए. जो स्वयं को समय आने पर नहीं बदलते हैं वे कष्ट और परेशानी भोगते हैं. आज की चाणक्य नीति बहुत ही विशेष है. आचार्य चाणक्य की इस बात को हर किसी को जानना और समझना चाहिए.
विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि काञ्चनम् ।
रनीचादप्युत्तमां विद्यांस्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि ।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को जहर से भी अमृत निकाल लेना चाहिए. इसी प्रकार से यदि सोना गंदगी में भी पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए. इसमें तनिक भी संकोच नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही यदि किसी कमजोर कुल मे जन्म लेने वाले से भी सर्वोत्तम ज्ञान मिल सकता है, उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए. क्योंकि इसमें कोई दोष नहीं है. चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई बदनाम घर की कन्या भी महान गुणों से युक्त है और आपको कोई सीख देती है तो इसे भी अपनाने में संकोच नहीं करना चाहिए.
सत्कुले योजयेत्कन्यां पुत्रं विद्यासु योजतेत् ।
व्यसने योजयेच्छत्रुं मित्रं धर्मे नियोजयेत् ।।
चाणक्य नीति का श्लोक भी बहुत ही काम का है. आचार्य चाणक्य इस श्लोक माध्यम से बताना चाहते हैं कि कन्या का विवाह अच्छे खानदान मे करना चाहिए. पुत्र को श्रेष्ठ शिक्षा देनी चाहिए, शत्रु को आपत्ति और कष्टों में डालना चाहिए, और मित्रों को धर्म कर्म में लगाना चाहिए. जो ऐसा करते वे सफलता प्राप्त करते हैं. इन बातों को जो ध्यान रखता है और अमल करता है, उसे कष्ट नहीं उठाने पड़ता हैं.