Chanakya Niti: धन और सफलता पाना हर मनुष्य की चाहत होती है. चाणक्य कहते हैं कि मेहनत और सही समय पर समझदारी का इस्तेमाल ही व्यक्ति को शिखर तक पहुंचाता है.


अक्सर कामयाबी पाने के लिए हम उन चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं जो वाकई लक्ष्य प्राप्ति में महत्वपूर्ण मानी जाती है और इन्हें अनदेखा करने पर व्यक्ति मुसीबत के जाल में फंस जाता है.  चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के चौथे अध्याय के 18 वें श्लोक में बताया है कि स्त्री-पुरुष दोनों को धनवान और सफल बनना है तो कौन सी 6 बातों का ध्यान रखना चाहिए.


क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।


कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।


समय के विपरीत न चलें


इस श्लोक के जरिए चाणक्य ने जीवन के उन पहलूओं पर गौर किया है जिसे हर समझदार व्यक्ति बारीकी से परखता है और फिर काम करता है. समय के अनुरूप काम करने वाला मुश्किलों में नहीं फंसता. हर व्यक्ति की जिदंगी में सुख-दुख आते हैं.


सुख के समय में कभी गुजरे वक्त की दुख की घड़ी को न भूलें. वहीं दुख में धैर्य रखकर कार्य करें. चाणक्य कहते हैं कि दु:खआता है तो अटक जाते हैं, सुख आता है तो भटक जाते है. इसलिए कभी भी दु:ख की घड़ी में मनुष्य को मन से नहीं टूटना चाहिए. सुख आने पर कभी घमंड नहीं करने चाहिए.


क्षमता अनुसार कार्य में देगा फल


ताणक्य के अनुसार हमें वही काम हाथ में लेना चाहिए, जिसे पूरा करने का सामर्थ्य हमारे पास है. अगर धन और प्रसिद्धि पाने के लालच में शक्ति और क्षमता से अधिक काम का बीड़ा उठाते हैं तो न तो आप उसे पूरा कर पाएंगे और साथ ही धन हानि भी होगी.


सच्चे मित्र की पहचान


चाणक्य ने उदाहरण देते हुआ बताया है कि जो समुद्र में भी आपके गिरे आंसू पहचान ले वह जीवन का सबसे अच्छा और सच्चा मित्र कहलाता है. श्लोक में चाणक्य ने बताया है के सफलता के मार्ग पर बाधाओं का गड्‌डे नहीं न आए इसके लिए मित्रों के वेश में छिपे शत्रु का पहचाना बहुत जरूरी है. छल-कपट का मुखौटा लगाए मित्र का साथ होना आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है.


स्थान- काम की खबर रखें


चाणक्य नीति अनुसार जहां  अपने शहर, कार्यस्थल और ऑफिस में काम कर रहे लोग कैसे हैं इसकी हमेशा खबर रखनी चाहिए.  यदि इन बातों को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे तो मुसीबतों से निपटने में आसानी होगी.


साथ ही जिसके अधीन काम कर रहे हैं वह हमसे कार्य के प्रति क्या उम्मीदें करता है, क्या आपका काम संस्थान को फायदा पहुंचा रहा है, क्योंकि आपके काम से कंपनी को लाभ होगा तो इसमें आपका भी फायदा है.


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