Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने अनमोल विचारों को नीतियों में पिरोकर एक संग्रह बनाया है, जिसका नाम है नीतिशास्त्र. इसमें मनुष्य के जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर विस्तार से वर्णन किया गया है. यह नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. इनकी बदौलत व्यक्ति का जीवन न सिर्फ सुधार जाता है बल्कि उसे हर मुकाम पर सफलता मिलती हैं. ऐसी ही एक नीति में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कौन सी ऐसी 4 बातें हैं जो मनुष्य को गुप्त रखनी चाहिए. अगर यह बातें सरेआम हो गईं तो न सिर्फ व्यक्ति मान सम्मान खो देगा बल्कि उसे जीवन में हर मोड़ पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो 4 अहम राज
सुसिद्धमौषधं धर्मं गृहच्छिद्रं च मैथुनम् ।
कुभुक्तं कुश्रुतं चैव मतिमान्न प्रकाशयेत् ॥
धर्म
धर्म का काम सच्चे मन से किया जाता है इसका कभी ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए. धर्म-कर्म के कार्य का बखान करने पर उसका प्रभाव कम हो जाता है. इससे व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति नहीं होती. चाणक्य के अनुसार दान सबसे बड़ा धर्म माना जाता है और गुप्तदान उसमें सर्वोपरि माना गया है. गुप्तदान कई गुना फल प्रदान करता है.
घर की बुराई
घर की कमियां बाहरी करने पर परिवार की ही बदनामी होती है इसलिए इसे हमेशा आपस में सुलझाएं. घर के दोष दूसरों को बताने पर दुश्मन इसका फायदा उठा सकते हैं साथ ही मान-सम्मान को भी चोट पहुंचती है.
शारीरिक रिश्ता
वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनाए रखना चाहते हैं तो कभी भी अपने शारीरिक रिश्ते को जगजाहीर न करें. पति-पत्नी के रिश्ते की बातें किसी तीसरे तक नहीं पहुंचनी चाहिए वरना रिश्ते में तो दरार आती है, समाज में व्यक्ति असभ्य की श्रेणी में आ जाता है.
सिद्ध औषधि
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कुछ खास और सिद्ध औषधियों की संपूर्ण जानकारी हमेशा गोपनीय रखनी चाहिए. इन दवाओं से दूसरों के इलाज में मदद की जा सकती है लेकिन चाणक्य कहते हैं कि सिद्ध औषधि का सरेआम जिक्र करने पर सेहत को हानि पहुंच सकती हैं.
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