Chanakya Niti: चाणक्य नीति व्यक्ति को सदैव अच्छे कार्यों को करने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य एक योग्य शिक्षक,अर्थशास्त्री और सलाहकार थे. जीवन से जुडे़ प्रत्येक विषय और क्षेत्र पर उन्होंने बड़ी ही सूक्ष्मता से प्रकाश डाला है. यही वजह है कि चाणक्य की नीतियां आज भी लोकप्रिय हैं. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति-
दुष्ट व्यक्ति की मीठी बातों में कभी नहीं आना चाहिए
दुष्ट व्यक्ति से सदा होशियार रहना चाहिए. दुष्ट व्यक्ति चाहें कितनी ही मीठी बातें क्यों न करे. उसकी बातों पर कभी यकीन नहीं करना चाहिए. अगर दुष्ट की बातों का भरोसा कर लिया तो संकट उठाना और मुसीबत में फंसना तय है. दुष्ट व्यक्ति संकट में डालने के लिए हर तरह के जतन करते हैं. लेकिन होशियार कभी भी इनकी बातों में नहीं आते हैं. दुष्ट व्यक्तियों को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए. दुष्ट की प्रवृत्ति दुष्टता की होती है, वह इससे कभी दूर नहीं रह सकता है. ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहना चाहिए और उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए, कुल मिलाकर ऐसे व्यक्तियों से सर्तक रहना चाहिए.
व्यक्ति को धैर्यवान होना चाहिए
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति धैर्य खो देता है. संकट आने से पहले ही शस्त्र डाल देता है या फिर परेशानी आने पर अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं. ऐसे व्यक्ति जीवन में कभी भी सफल नहीं होते हैं. व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए धैर्य धारण करना चाहिए. धैर्यवान व्यक्ति बड़ी सी बड़ी समस्या को भी हल करने की क्षमता रखता है. धैर्य ज्ञान और अध्यात्म से आता है. ज्ञानी व्यक्ति आध्यात्म की शक्ति को पहचान सकता है. ये शक्ति उसे संस्कारों से प्राप्त होती है. इस लिए संस्कार, ज्ञान और आध्यात्म से परिपूर्ण व्यक्ति गंभीर और धैर्यवान होता है. ऐसे लोग जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसे व्यक्ति समाज में उदाहरण प्रस्तुत करते हैं.