सफलता पाने के लिए परिश्रम पहली सीढ़ी है. लेकिन सफलता के साथ अगर व्यक्ति में ये गुण हों तो मंजिल आसान हो जाती है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति में ये गुण होना बहुत ही जरुरी है. आइए जानते हैं इन गुणों के बारें में.
लक्ष्य को पाने के लिए रणनीति का निर्धारण
किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए सबसे आवश्यक चीज होती है उसकी रणनीति. किसी भी कार्य को करने के लिए पहले रणनीति बनानी पड़ती है और फिर उस रणनीति के तहत ही लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ना पड़ता है. जो लोग रणनीति बनाकर कार्य नहीं करते हैं उन्हें सफलता देर से और उसकी प्राप्ति में संशय बना रहता है.
योजना का नहीं करना चाहिए खुलासा
जिस योजना या कार्य पर श्रम किया जा रहा है उसका खुलासा नहीं करना चाहिए. प्रतिस्पर्धा के दौर में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से आपके शत्रु या फिर प्रतिद्वंद्वी सर्तक हो जाते हैं और कार्य में बाधा पहुंचा सकते हैं. जिससे सफलता प्राप्त करने में बाधाएं आ सकती हैं.
आलस को त्याग कर सफल होने का प्रयास करें
सफल होने के लिए आलस का पूरी तरह से त्याग कर देना चाहिए. आलस किसी भी सफलता में सबसे बड़ी बाधा होता है. आलस के चलते कार्य को कल पर टालने की प्रवृत्ति पनप सकती है. इसलिए इस आदत से जितनी जल्दी छुटकारा पा लें उतना ही अच्छा है.
अपने सहयोगियों का उत्सावर्धन करते रहें
सफलता व्यक्तिगत नहीं होती है, इसमें कई लोगों का सहयोग होता है. इसलिए अपने सहयोगियों का उत्साहवर्धन करते रहें. ऐसा करने से निराशा नहीं आती है और उत्साह बना रहता है. जो लक्ष्य को पाने में मददगार साबित होता है.
सकारात्मक सोच के साथ आगें बढ़ें
किसी भी कार्य को पूरा करने में सकारात्मक सोच का बहुत बड़ा योगदान होता है. सकारात्मक सोच से ही लक्ष्य को भेदने में मदद मिलती है. नकारात्मक सोच से सफलता पाने में मुश्किल आती है.
समस्या आने पर निराश न हों
बड़े कार्य में बाधा आना स्वाभाविक है. लेकिन इस पर निराश होकर बैठ जाना गलत है. समस्या आने पर उसे दूर करने की दिशा में कार्य करना चाहिए. समस्याओं से अधिक समाधान की दिशा में सोचना चाहिए. ऐसा करने से कार्य को पूर्ण करने में मदद मिलेगी.