Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मनुष्य को श्रेष्ठ बनाने के लिए बहुत सी बातें बताई हैं. चाणक्य के अनुसार धन और पद से किसी भी व्यक्ति को सफल नहीं माना जाता है. सफल वही है जो समाज में अनुकरणीय और पुज्यनीय हो. यानि सफल वही है जो जीवित और मृत्यु के बाद भी लोगों को याद आए. लोग उसके योगदान, प्रतिभा, कार्यों की चर्चा करें.


वर्तमान समय में चाणक्य की यह शिक्षा अधिक प्रासंगिक हो जाती है. हर व्यक्ति की चाहता है लोग उसे सम्मान प्रदान करें, उसकी प्रशंसा करें. लेकिन ये इतना आसान नहीं है. प्रंशसा और सम्मान विरले लोगों को ही प्राप्त होता है. कुछ समय के लिए किन्ही परिस्थितिवस सम्मान और प्रशंसा प्राप्त हो भी जाए तो उसका कोई महत्व नहीं होता है. चाणक्स के अनुसार असली प्रशंसा वही है जो आपके शत्रु को भी तारीफ करने के लिए मजबूर कर दे.


चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति में ये गुण होते हैं तो उसे समाज में सम्मान भी मिलता है और प्रशंसा भी प्राप्त होती है-


सम्मान देने से मिलता है
सम्मान प्राप्त करने की पहली शर्त है कि सामने वाले को भी सम्मान प्रदान किया जाए. जो लोग दूसरों को सम्मान देते हैं वे ही समाज में सम्मान के हकदार होते हैं. जो दूसरों को लज्जित करने में गौरव महसूस करता है उसे जीवन में कभी सम्मान प्राप्त नहीं होता है.


ज्ञान का समाजहित में प्रयोग
ज्ञान का प्रयोग जो लोग समाजहित में प्रयोग करते हैं वे समाज में अनुकरणीय होते हैं. ऐसे लोगों की समाज में विशेष सम्मान प्रदान किया जाता है. ज्ञान का असली अर्थ लोगों को जागरुक करना है. जो सही और गलत का भेद बताए वही ज्ञान है.


सत्य का मार्ग
जो व्यक्ति जीवन में सत्य का मार्ग अपनाता है उसे सम्मान प्राप्त होता है. सत्य का मार्ग कठिन है. इस पर चलना आसान नहीं है. लेकिन जब व्यक्ति इस रास्ते पर निकल पड़ता है तो कुछ समय बाद वो लोग भी सराहना करने लगते हैं जो कल तक उसकी आलोचना करते थे. सत्य का मार्ग ही व्यक्ति को सर्वोच्चता के शिखर पर पहंचाता है.


जिम्मेदारी का भाव
व्यक्ति महान अपने गुणों और कर्मों से बनता है. जो व्यक्ति दी गई जिम्मेदारियों पर खतरा उतरता है. पूरी ईमानदारी से जिम्मेदारियों को पूर्ण करता है. वह व्यक्ति हर जगह सम्मान का पात्र होता है.


Chanakya Niti: संकट के समय धन ही होता है सबसे बड़ा सहारा, ऐसे करें संचय