Chanakya Niti: मनुष्य जीवन उतार-चढ़ाव से भरा पड़ा है. अगर जिंदगी में दुख के बादल हैं तो खुशियों की बारिश भी जरूर होगी. चाणक्य की नीतियां हमें बुरे वक्त में संबल देती हैं. अंधेरे से रोशनी को ओर ले जाने का काम करती हैं. किस हालात में कैसे बर्ताव करना है चाणक्य ने इस पर विस्तार से अपने विचार साझा किए हैं. चाणक्य बताते हैं कि मुश्किल घड़ी में भी अगर समझदारी से काम लिया जाए तो हर सकंट से बचा जा सकता है. चाणक्य ने मुसीबत से निकलने के लिए सांप की तरह व्यवहार करने की बात कही है. आइए जानते है चाणक्य ने क्यों सांप की भांति बर्ताव करने को कहा.
सांप जहरीला नहीं भी हो तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता, उसी प्रकार कमजोर व्यक्ति को हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए - आचार्य चाणक्य
- आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सफल इंसान को कभी अपनी कमजोरी किसी से साझा नहीं करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बार-बार अपने कमोजर होने का जिक्र करने पर दूसरे आपका फायदा उठा सकते हैं.
- चाणक्य ने कथन में कहा है कि सांप के अंदर से जहर निकाल भी दिया जाए तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता. उसके इस बर्ताव की वजह से दुश्मन हमला करने से पहले दो बार सोचता है. उसी प्रकार व्यक्ति जब कमजोर हो तब भी उसे अपनी इस हालत का दूसरों के सामने प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. दूसरो के सामने मजबूती से पेश आएंगे तो विरोधी आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकते.
- जब परेशानियां एक साथ घेर लेती है तो व्यक्ति अपने दिल की बात दूसरों से कह देता है, क्योंकि उस वक्त वो खुद से लड़ रहा होता है और अपनी भावनाओं को संभाल नहीं पाता और दूसरों से साझा कर लेता है. कई लोग आपके इन्हीं हालातों का फायदा उठाते हैं. इस परिस्थिति में ध्यान रखें कि अपने मन की बात उन्हीं से शेयर करें जो आपका सच्चा मित्र हो. जो हर दुख-सुख में आपका साथ देता हो. जो आपको मोटिवेट करें.
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