Chanakya Niti: कहते हैं कि हर सफलता आदमी के पीछे औरत का संघर्ष होता है. चाणक्य नीति कहती है कि महिलाओं में बिगड़े व्यक्ति को सुधारने की क्षमता होती है. यही वजह है कि बेटी जब बहू बनकर जाती है तो घर-परिवार की इज्जत उसके हाथ होती है. पति-पत्नी दोनों अच्छी पीढ़ी का निर्माण करने की जिम्मेदारी होती है.
अगर पत्नी में कुछ गंभीर अवगुण हो तो न सिर्फ दांपत्य जीवन में आग लग जाती है बल्कि परिवार भी इसका हरजाना भुगतता है. चाणक्य ने बताया है कि पत्नी में अगर ये अवगुण हैं तो उसे त्यागना ही बेहतर है, फिर चाहे प्रेम की ही बलि क्यों न देनी पड़े.
अभद्र भाषा
चाणक्य नीति के अनुसार जिस पत्नी के कटु वचन हो उसका त्याग करने में ही भलाई है, क्योंकि बुरी बोली हथियार से ज्यादा तीखा वार करती है. ऐसी स्त्रियां बिना सोचे-समझे अपशब्द बोल जाती है, इन्हें दूसरी के इमोशन्स का भी ख्याल नहीं रहता. अभ्रद भाषा का इस्तेमाल करने वाली पत्नी परिवार की छवि को खराब कर देती है.
बात-बात पर क्रोध
गुस्सा हमेशा काम बिगाड़ता है. चाणक्य के अनुसार क्रोध से लिप्त व्यक्ति सही-बुरे का अंतर करना भूल जाता है और ऐसे में वह दूसरों को असहनीय कष्ट पहुंचाता है. यही वजह है किबात-बात पर गुस्सा करने वाली पत्नी को परिवार की खातिर छोड़ना ही ठीक है, क्योंकि ऐसे रिश्तों में कभी खुशियां नहीं आ सकती.
“साभार्या या शुचिदक्षा सा भार्या या पतिव्रता। सा भार्या या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।”
अर्थात – इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि एक आदर्श पत्नी वह होती है जो मन, वचन और कर्म तीनों से शुद्ध होती है. जिसका आचरण अच्छा होता हैं, जो ससुराल को अपना समझे वह कुशल गृहिणी कहलाती है.
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