Chanakya Niti In Hindi: कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. हर देश इस संकट से बचने के उपाय ढूंढ रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को घरों में ही रहने के लिए कहा है. ऐसे संकट की स्थिति से निपटने के लिए चाणक्य की नीति क्या कहती है? आइए जानते हैं-


आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने समाज को प्रभावित करने वाली हर एक चीज का बड़ी ही गहराई से अध्ययन किया था और उसे अपनी चाणक्य नीति में स्थान दिया, ताकि उसे पढ़कर लोग अपना ज्ञानवर्धन कर सकें. किसी बड़े संकट से कैसा निपटा जाता है इसपर भी उन्होंने प्रकाश डाला है. चाणक्य नीति की इन बातों को लोगों को अपने जीवन में उतारना चाहिए, खासतौर पर तब जब संकट वाकई में बहुत बड़ा हो.


घर पर बैठकर संकट से कैसे लड़ा जाए


1- चाणक्य के अनुसार जब विपदा बड़ी और उसका कोई ठोस उपाय मालूम न हो तो लोगों को घर पर बैठकर संकट को टालने की कोशिश करनी चाहिए.


2- घर से बैठकर भी राष्ट्र को बचाया जा सकता है. चाणक्य के अनुसार हर संकट का अलग अलग स्वरुप होता है. जब आक्रमण होता है तो हमे अपने शत्रु का पता होता है और हम शत्रु से निपटने की रणनीति बना सकते है. लेकिन जब शत्रु छिपा हुआ हो और आखों से दिखाई न दे तो ऐसी स्थिति में घर पर बैठकर राष्ट्र के आदेश का पालन करना चाहिए. इसी में सभी की भलाई है.


3- शासन और सत्ता में बैठे जिम्मेदार व्यक्तिओं के निर्देशों का मानने से ही संकट को कम किया जा सकता है. जो व्यक्ति शासन और सत्ता के आदेशों को चुनौती देता है, वह स्वयं को तो खतरे में डालता ही है साथ ही साथ दूसरों के लिए भी मुसीबत खड़ी करता है.


4- संकट के समय आपसी द्वेष को भूलकर राष्ट्र हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए जिससे संकट से उभरा जा सके. लोगों को जागरुक करने के लिए जो भी संभव प्रयास हो सकते हैं उन्हें अपनाना चाहिए. ये हितकर होता है.


5- महामारी और गंभीर रोग को रोकने के लिए अगर गंभीर होकर बचाव नहीं किया तो ये समाज के लिए बड़ा खतरा बन जाते हैं. इसलिए स्वच्छता, सजगता और सुरक्षा बहुत जरुरी उपाय है इन्हें कतई नहीं भूलना चाहिए.


दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों की हर मुराद होती है पूरी, मां दुर्गा होती हैं प्रसन्न