Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य एक कुशल अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री होने के साथ साथ एक कुशल शिक्षक भी थे. शिक्षक के रूप में चाणक्य की ख्याति देश ही नहीं सात समंदर पार भी थी. वे प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे. चाणक्य ने युवाओं के लिए कुछ जरुरी बातें बताई हैं. जिनका जिक्र उन्होंने अपनी चाणक्य नीति में किया है.


चाणक्य के अनुसार युवा होना एक धर्म के समान है. जिस प्रकार से धर्म की साधना करनी पड़ती है उसी प्रकार से युवास्था में व्यक्ति को स्वयं को ज्ञान और संस्कार में तपाना पड़ता है. तब व्यक्ति का व्यक्तित्व निखर कर सामने आता है.


व्यक्ति कैसा जीवन जीना चाहता है इसका चयन उसे युवावस्था में ही करना होता है. युवावस्था में व्यक्ति को सजग और सर्तक रहना चाहिए. क्योंकि यह उम्र की ऐसी अवस्था होती है जिसमें जरा सी चूक  या लापरवाही बहुत भारी पड़ जाती है. इसलिए इन बातों को सदैव ध्यान में रखना चाहिए.


गलत संगत से दूर रहें
युवावस्था में संगत का बहुत असर पड़ता है. इसलिए मित्रता करते समय बहुत सावधानी बरतें है. संगत अच्छी होने से जहां जीवन को नई दिशा मिलती है वहीं गलत संगत से भविष्य चौपट हो जाता है.


नशे की आदत जीवन बर्बाद कर सकती है
इस उम्र में गलत चीजें अधिक प्रभावित करती हैं. युवावस्था में गलत आदतें एक बार लग जाए तो इससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस उम्र में ही नशे की लत लगती है. नशा स्वयं का ही जीवन बर्बाद नहीं करता है बल्कि आपके आसपास के लोगों के जीवन पर भी असर डालता है. इसलिए इस उम्र में नशे की लत से बचना चाहिए.


सेहत का रखें ध्यान
इस उम्र में सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इस उम्र में शरीर को तराशा जाता है. जिसका लाभ भविष्य में भी मिलता है. शरीर स्वस्थ्य होगा तो मन अच्छा रहेगा और मस्तिष्क बेहतर ढंग से कार्य करेगा. जो भविष्य निर्माण में सहायक होता है. इस उम्र में पौष्ठिक भोजन लेना चाहिए.


खेलकूद में प्रतिभाग करें
इस उम्र में शिक्षा का जितना महत्व होता है उतना ही महत्च खेलों का भी होता है. इस उम्र में खेल के प्रति लगाव होना चाहिए. शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए यह बहुत जरुरी है. खेल से अनुशासन और समूह में कार्य करने की आदत विकसित होती है जो आगे चलकर बहुत काम आती है.


Chanakya Niti: पत्नी के सामने पति को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, बढ़ेगा सम्मान