Chanakya Niti: चाणक्य नीति ने कई युवाओं को सद्मार्ग पर लाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने का कार्य किया है. सत्य कड़वा होता है, चाणक्य ने जीवन की सच्चाई को नीतियों में पिरोया है जो कठोर जरूर हैं लेकिन मनुष्य की जिंदगी का आइना हैं. ये नीतियां कदम-कदम पर ज्ञानवर्धन का काम करती हैं, बस इनका सही से पालन करने की जरूरत है. ऐसी ही एक नीति है जिसमें चाणक्य ने बताया है कि किन लोगों का अस्तित्व जल्द खत्म हो जाता है. ऐसी कौन सी गलती है जिससे व्यक्ति का सुख-चैन छिन जाता है, चाणक्य के अनुसार वक्त रहते नहीं संभल पाए तो जीवन जीना दूभर हो जाएगा.


मंत्री के बिना राजा


चाणक्य के अनुसार सत्ता पर काबिज रहने के लिए लीडर के साथ सहायक और कार्यकर्ता का होना बेहद जरूरी है. चाणक्य ने राजा के संदर्भ में बताया है कि जो राजा अपने लिए मंत्रियों का चयन नहीं करता उसके राजपाठ का जल्द नाश हो जाता है और सत्ता न चला पाने के कारण उस राजा की छवि भी धूमिल हो जाती है. धन, सुख, शांति भंग हो जाती है. उसका वजूद खत्म हो जाता है. आज के संदर्भ में समझें तो एक अकेला लीडर पूरे राष्ट्र का विकास नहीं कर सकता, इसके लिए सहायक की जरुरत होगी. राजनीतिक नजरिए से देखें तो चुनाव में भी उसी पार्टी की जीत होती है जिसके प्रत्याशियों ने ज्यादा से ज्यादा जीत दर्ज की हो. एक अकेल पार्टी लीडर विजय हालिस नहीं कर सकता.


धोखा देने वाला जीवनसाथी


आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो स्त्री या पुरुष अपने जीवनसाथी के होते हुए पराए पुरुष या महिलाओं पर नजर डालते हैं. जो लोग विवाहेतर संबंध रखते हैं ऐसे लोगों का अस्तित्व बहुत जल्द खत्म हो जाता है. इनके चरित्र पर वो दाग लगता है जो मरते दम तक मिटता नहीं. विवाह एक पवित्र बंधन है. इस बंधन को लांघकर जो गलत कार्य करते है जीवनसाथी को धोखा देते हैं समाज में उनका कोई मान-सम्मान नहीं करता.


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