Chanakya Niti Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मनुष्य के अच्छे गुरे गुणों के बारे में विस्तार से चर्चा की है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति में अगर अच्छे गुण हों तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन वहीं अगर उसमें अवगुण हैं तो वह स्वयं का तो नुकसान पहुंचाता ही साथ ही साथ दूसरों को भी अपने से दूर कर लेता है. गुणों से रहित व्यक्ति का रिश्ता किसी से भी मधुर नहीं होता है. समय रहते है यदि इन अवगुणों को दूर न किया जाए तो व्यक्ति के नजदीकी संबंधों पर असर पड़ने लगता है. ऐसा ही एक अवगुण है अहंकार.
अहंकार सम्मान को नष्ट कर देता है
अहंकार जिस व्यक्ति में आ जाता है वह अपना सर्वत्र नष्ट कर लेता है. समाज में ऐसा व्यक्ति सम्मान खो देता है. सगे संबंधी भी ऐसे व्यक्ति का त्याग कर देते हैं. यहां तक की उसकी पत्नी, बच्चे और रिश्तेदार भी उसे पसंद नहीं करते हैं.
अहंकारी व्यक्ति कभी अच्छा प्रेमी नहीं हो सकता
अहंकारी व्यक्ति के नैसर्गिक गुण समाप्त हो जाते हैं. वह अहंकार में इतना डूब जाता है कि प्रेम उससे कोसों दूर हो जाता है. अहंकारी व्यक्ति कभी अच्छा प्रेमी नहीं बन पाता है. वह सच्चे प्रेम से वंचित रहता है. जब उसे इस बात का अहसास होता है तो बहुत देर हो चुकी होती है.
नहीं बन पाता है अच्छा जीवन साथी
अहंकारी व्यक्ति किसी भी रिश्ते को ठीक से नहीं जी पाता है. हर रिश्ता खराब हो जाता है यहां तक की वह अच्छा जीवन साथी बनने की योग्यता का त्याग कर देता है. अहंकारी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन भी तनाव और दुविधाओं से भरा रहता है.
मित्र बना लेते हैं दूरी
अहंकारी व्यक्ति के पास सच्चे मित्रों का अभाव होता है अगर वह उच्च पद पर है तो लोग उससे डर या किसी अन्य से जुड़े तो रहेंगे लेकिन सच्चे मित्र की भूमिका नहीं निभा सकते हैं. जब पद की समय सीमा समाप्त हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति अपने आप को अकेला खड़ा पाते हैं.
शत्रुओं की बढ़ने लगती है संख्या
अहंकारी व्यक्ति के मित्र कम और शत्रु अधिक होते हैं. अहंकारी व्यक्ति अपने आचरण और कृत्यों से लगातार शत्रुओं की संख्या बढ़ाने लगता है. जिस प्रकार से प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर रोग घेर लेते हैं उसी प्रकार जब शक्ति कम होने लगती है तो अहंकारी व्यक्ति के शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और उसे हानि उठानी पड़ती है.
Chanakya Niti: ऐसा व्यक्ति जीवन में हमेशा दुखी और परेशान रहता है