Chanakya Niti: व्यापर हो या नौकरी उतार-चढ़ाव का दौर लगा ही रहता है लेकिन कामयाब वही होते है जो गिरकर दोबारा खड़े हो जाएं. जो मुश्किल परिस्थिति में समझदारी से काम लें, कैसे आगे बढ़ना है ऊंचाईयों को छूना है इस विचार की अलख जगाने वाले कभी नाकाम नहीं होते. आचार्य चाणक्य ने व्यपार और नौकरी में सफलता पाने के कई गुर बताए हैं. इसे अपनाने वाले तरक्की को प्राप्त करते हैं. आइए जानते हैं.


असफलता से डरे नहीं


सफल वही होता है जो असफलता से घबराता नहीं. इसलिए कहते हैं ना जीत में सुख है हार में सीख है. सफलता की पहली सीढ़ी होती हैं आत्मविश्वास. कामयाबी का रास्ता पथरीला होता है. व्यक्ति डगमगाता है, गिरता है लेकिन जो चोट के लेकर आंसू बहाने बैठ जाए वो कभी आगे नहीं बढ़ सकता है. वहीं लाख जख्म को सहने के बाद भी जो खुद पर और अपने काम पर विश्वास रखें उसे सफल होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती. जीवन में कई ऐसे पड़ाव आएंगे जहां हार का मुंह देखना पड़े. ऐसे समय में अपनी हार पर विचार करें, कहां गलती हुई क्यों हुई इसका एनालिसिस कर भविष्य की रणनीति तैयार करें.


अवसर को छोड़े नहीं


आज के दौर में कॉम्पटीशन बहुत तेजी से बढ़ गया है, इसलिए जब भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले उसे गवाएं नहीं. पूरी मेहनत और ईमानदारी से अधिकारियों के समक्ष अपने काम को प्रस्तुत करें. ऐसे समय में आलस कभी नहीं करना चाहिए. कल का काम अगर आज ही कर लिया तो सफलता जरूर मिलेगी.  व्‍यक्ति को सैदव मौका मिलने पर आगे बढ़ने की कोशिश करना चाहिए।


सवालों के जबाव तलाशें


कई बार हम व्यक्ति अपने कार्यस्थल पर अपने बॉस या मालिक से सवाल पूछने में संकोत करता है. संकोच करने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है.अधूरा ज्ञान हमेशा व्यक्ति का नुकसान करता है इसलिए जब किसी विषय की जानकारी पूरी न हो तो सवालों के जबाव तलाशें.


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