महामारी से बचने के लिए चाणक्य की इन 5 बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए
कोरोना वायरस (Coronavirus) से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए बताया गया है.चाणक्य की इन बातों को अमल में लाया जाए तो कोराना वायरस जैसी महामारी को फैलने से काफी हद तक रोका जा सकता है.
चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य की नीति व्यक्ति को हर समस्या से निपटने के लिए प्रेरित करती है. आज जब पूरे देश पर कोराना वायरस का खतरा मंडरा रहा है तो ऐसे में चाणक्य की बातों को जानना और उसपर अमल करना बहुत ही जरुरी हो जाता है.
चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जब किसी राष्ट्र पर महामारी या कोई बड़ा संकट आता है तो इससे तभी निपटा जा सकता है जब उस राष्ट्र के सभी लोग एक जुट होकर इससे मुकाबला करें. इस महामारी से लड़ने में चाणक्य की चाणक्य नीति कितनी सहायक है आइए जानते हैं.
1- जागरुकता फैलाएं: चाणक्य के अनुसार महामारी से बचने के लिए जिम्मेदार नागरिकों की भूमिका बढ़ जाती है. वे स्वयं भी जागरुक हों और दूसरों को भी महामारी के बारे में जागरुक करें. ऐसा करने से महामारी पर काबू पाने में आसानी होती है.
2- राष्ट्रहित सर्वोपरि: राष्ट्र पर संकट आने पर व्यक्ति को सभी कुछ भूलकर राष्ट्रहित को ध्यान में रखना चाहिए. चाणक्य के अनुसार राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं होता है. राष्ट्र को संकट बचाने के लिए जो सार्थक और जनहित उपाय हैं उन्हें अपनाना चाहिए.
3- लापरवाही न बरतें: महामारी फैलने पर किसी भी स्तर पर लापरवाही भारी पड़ सकती है. ऐसी स्थिति को सदैव ही गंभीरता से लेना चाहिए. और इसे रोकने के उपाय पर मंथन करना चाहिए.
4- निर्देशों का पालन करना चाहिए: महामारी के दौरान जो भी निर्देश दिए जाते हैं उनका कड़ाई से पालन करना चाहिए. क्योंकि महामारी से बचने में निर्देशों का पालन किसी औषधि के समान ही होता है.
5- भयभीत होने से बचें: महामारी के दौरान भयभीत होने से स्थिति बिगड़ती है. इस स्थिति से बचना चाहिए. गंभीरता और धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए. भयभीत होने से व्यक्ति स्वयं को भी परेशानी में डालता है और दूसरों के लिए भी समस्या खड़ी करता है. जिस कारण महामारी से लड़ने में दिक्कत आती है.
चाणक्य नीति: बड़ा संकट आने पर चाणक्य की इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए