Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने दोस्त और दुश्मन को परखने के लिए कई नीतियां बताई है. कामयाबी हासिल करना आसान नहीं, सफलता की राह में कब कौन व्यक्ति रोड़ा बन जाए. चाणक्य कहते हैं कि जीवन में तीन लोगों से कभी दुश्मनी मोल नहीं लेने चाहिए. इनसे बैर करने का मतलब है खुद को मुसीबत में डालना. आइए जानते हैं चाणक्य के मुताबिक किन तीन लोगों से बैर नहीं करना चाहिए वरना जिंदगी दूभर हो जाती है.
आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्यु: परद्वेषाद् धनक्षय:।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषाद कुलक्षय:।।
राजा-लीडर
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी राजा या शासन प्रशासन से सीधे लड़ाई मोल नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है.आज के दौर में देखें तो किसी बड़े अधिकारी तब तक न उलझें जब तक आप मजबूत स्थिति में न हो. इनसे सीधे तौर पर बैर लेना आपको हानि पहुंचा सकता है.
खुद से
चाणक्य के अनुसार स्वास्थ सबसे बड़ा धन है. जो व्यक्ति अपने स्वास्थ से खिलवाड़ करता है उसके प्रति ध्यान नहीं देता वो खुद को मौत के मुंह में ढकेलता है. चाणक्य के मुताबिक आजीविका के लिए जितना धन कमाना जरूरी है उतना ही शरीर का ख्याल रखना भी महत्वपूर्ण है. खान-पान को लेकर असावधानी मृत्यु के निकट ले जाती है फिर धन भी काम नहीं आता. खुद के शरीर से कभी द्वेष न करें तभी रोग दूर रहेंगे.
बलशाली
एक बलवान व्यक्ति अपनी छवि को बरकार रखने के लिए दूसरों का नुकसान भी कर सकता है इसलिए ऐसे लोगों से कोसों दूर रहे. फिर चाहे वो शरीर से बलवान हो या धन से. इनसे दुश्मनी करना मतलब धन हानि के साथ मौत को न्योता देना. धनी व्यक्ति पैसे के बल पर कानून और न्याय को भी खरीद सकता है वही ताकतवर इंसान बल का प्रयोग कर आपको औऱ् परिवार को हानि पहुंचा सकता है.
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