Chanakya Niti: आज के इस भागदौड़ के युग में लोग बहुत जल्दी ही सफलता पाने के लिए प्रयास रहते हैं. इसके लिए वे अपने स्तर पर प्रयास भी करते हैं. इसके बावजूद सफल केवल वे ही व्यक्ति होते हैं, जो सही समय पर सही रणनीति बनाकर पूरी लगन से उस पर काम करते हैं. आचार्य चाणक्य ने लोगों की सफलता और असफलता पर अपने विचार प्रस्तुत किये हैं. आइये जानें आचार्य चाणक्य के विचार में वे कौन से लोग हैं, जो अपने जीवन में सफल होते हैं.


आचार्य चाणक्य के अनुसार, जीवन में दो ही तरह के व्यक्ति असफल होते हैं. एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं और दूसरे वे दो करते हैं पर सोचते नहीं.


आचार्य चाणक्य का मानना है कि विभिन्न प्रकार के लोग होते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो बिना विचार किये और बिना सही रणनीति बनाये मेहनत करने में जुट जाते हैं तथा अथक परिश्रम भी करते हैं. परंतु उन्हें बार –बार असफलता ही मिलती है. क्योंकि उनकी मेहनत सही दिशा में नहीं की गई होती है. सही दिशा में न की गई मेहनत व्यर्थ होती है. जैसे दीमक सदैव मेहनत करता है परंतु वह निर्माण के बजाय विनाश करता है.



चाणक्य के अनुसार, यदि आपको जीवन में सफल होना है, तो सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करें. उसके बाद लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजना बनाएं. उसके परिणाम पर भी विचार करें. रास्ते में आने वाली परेशानियों से निपटने के लिए सदैव तैयार रहें. निरंतरता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें.  दिशाहीन व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता है.


वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सिर्फ सोचते है और योजनायें बनाते रहते हैं. बड़े –बड़े सपने देखते रहते हैं. परंतु इन सपनों को पूरा करने के लिए कोई कर्म नहीं करते हैं. ऐसे लोगों के मन में नित्य नए विचार आते रहते हैं. वे उसी में मग्न रहते हैं. फिर कुछ समय बाद दूसरे विचार आते हैं और अब दूसरे सपने बुनने लगते है. यही क्रम उनके जीवन भर चलता रहता है.


आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो व्यक्ति सिर्फ सोचते हैं वे जीवन में सफल नहीं होते हैं. जीवन में सफल होने के लिए कर्म की जरुरत होती है.