Chanakya Niti: हर व्यक्ति के कुछ अच्छे दोस्त तो कुछ कट्टर दुश्मन होते हैं. आचार्य चाणक्य ने मित्र और शत्रु को परखने के विषय पर अपने सुझाव दिए है. चाणक्य ने स्वंय अपने दौर में घनानंद को पराजित कर इतिहास रचा था. चाणक्य ने व्यक्ति की एक ऐसा काम करने की सलाह दी है जिससे उसका दुश्मन हमेशा तकलीफ में रहेगा. अगर इसे अपनी आदत बना ली तो शत्रु के सारे पैंतरे फेल हो जाएंगे और जीत आपकी होगी.
खुश रहकर शत्रु को दें सजा
- दुश्मन अपने विरोधी को तकलीफ में देखने के लिए हर वो काम करता है जिससे उसे दर्द पहुंचे. ऐसे में अगर आप उसके सामने सदा खुश रहेंगे तो उसकी प्रत्येक चाल फेल होती जाएगी और ये उसके लिए सबसे बड़ी सजा होगी.
- खुश मिजाज व्यक्ति का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता. दुख-तकलीफें व्यक्ति को मानसिक तौर पर कमजोर बनाती हैं. इनसे उभरकर अगर आपने खुश रहना सीख लिया तो ज्ञात और अज्ञात शत्रु कभी आप पर हावी नहीं हो पाएगा.
- जब इंसान विपरित परिस्थिति में भी खुद को खुश रखे तो ये शत्रु के मुंह पर जोरदार तमाचा होता है. ये ऐसा दर्द है जो दुश्मन उसके मनोबल को तोड़ देता है. हंसते-हंसते हर परेशानी का हल निकाला जा सकता है. इससे विरोधी के हौंसले कमजोर पड़ते हैं. ऐसे में उसकी हार तय है.
- चाणक्य कहते हैं कुछ लड़ाई बल से नहीं बुद्धि से जीती जाती है. चाणक्य के अनुसार शत्रु चाहे कितनी ही बलशाली क्यों न हो अगर आपने हर हालात में खुश रहने की आदत डाल ली तो ये दुश्मन के लिए ऐसा दर्द होगा जिसकी कोई दवा नहीं. एक वक्त ऐसा आएगा जब आपके इस व्यवहार के आगे दुश्मन अपने घुटने टेक देगा.
- शत्रु का स्वभाव दुष्ट हो तो व्यक्ति को उसके विपरित अनुकूल आचरण करना चाहिए. इससे वो भ्रमित होगा और उसकी रणनीति फेल हो जाएगी.
Chanakya Niti: ये 3 साथी मरते दम तक निभाते हैं साथ, इन्हें कभी अपने से दूर न करें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.