नई दिल्ली: 10 जनवरी को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है. इस ग्रहण को मांघ चंद्र ग्रहण भी कहा जा रहा है. इस कारण सूतक काल नहीं लगेगा. यानि की जिस तरह से सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल लगा था वैसा इस ग्रहण के लगने पर नहीं होगा. सूतक काल में सभी शुभ और धार्मिक कार्य वर्जित होते हैं. इस चंद्र ग्रहण पर सूतक काल नहीं है. इसलिए ग्रहण के समय न तों मंदिर के कपाट बंद होंगे और नहीं पूजा पाठ जैसे कार्य वर्जित रहेंगे.
नियमित ढंग से ही कार्यों को किया जा सकेगा. भारत और दुनिया के अन्य देशों में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा. भारत में रात्रि के समय भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण रात्रि 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा. इसकी अवधि 4 घंटा 50 मिनट की होगी. ग्रहण का मध्य 12:40 बजे होगा,मोक्ष रात 2 बजकर 42 मिनट पर होगा.
भारत में यह ग्रहण रात के समय लग रहा है तो इसके किसी भी प्रकार के कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेंगे. क्योंकि रात्रि के समय लोग अपने घर में होंगे और इस समय तक अधिकतर भारतीय भोजन भी कर लेते हैं. रात्रि में पूजा पाठ का कार्य भी नहीं किया जाता है ऐसे में इस ग्रहण को लेकर किसी तरह से भयभीत होने के जरूरत नहीं है.
लेकिन फिर संयम और ध्यान देना जरूरी है. छोटे बच्चों को शाम के बाद घर से बाहर न निकालें. खुलें में कोई भी खाने पीने की वस्तु न रखें. शाम के समय जो लोग खाने पीने के लिए घर से बाहर निकलते हैं वे तोड़ा संयम बरतें. 10 बजे के बाद छोटे बच्चों को लेकर बाहर न घूमें.
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चंद्र ग्रहण 2020: 10 जनवरी को लगने वाला है चंद्र ग्रहण, इससे जुड़ी ये हैं 10 महत्वपूर्ण बातें