ग्रहण खगोलशास्त्र की सबसे अनोखी घटनाओं में शामिल है. इससे सौरमंडल के कई राज खुलते हैं. इस वर्ष दो चंद्र ग्रहण बनना हैं. इनमें से एक 26 मई 2021 को देखा गया है. इसका दृश्य प्रभाव भारत में नहीं रहा है. इसी प्रकार अगला चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को होगा. इसकी खगोलीय स्थिति भी लगभग 26 मई 2021 के चंद्र ग्रहण के समान रहेगी.


भारत में यह केवल सूदूर पूर्वाेत्तर भाग में दृश्यमान होगा. अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ भागों में अत्यल्प समय के लिए दृश्यमान होगा. इसका भी सूतक भारत में नहीं मान्य होगा. यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा यानी पूरा चंद्रमा ग्रहण में नहीं छिपेगा. कुछ भाग दृश्यमान बना रहेगा. इसे मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा. यह खंडग्रास चंद्र गहण देव दिवाली के दिन होगा. इस दिन कार्तिक स्नान पूर्ण होगा. इस दिन विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला भी होता है. 


भारतीय ज्योतिष में ग्रहणों को राहु-केतु राक्षस ग्रहों से जोडकर देखा जाता है. राहू सूर्य को ग्रहण लगाता है. केतु चंद्रमा को ग्रहण लगाता है. इनके प्रभाव से प्रकृति और जन सामान्य में संक्रमण व्याप्त होना माना जाता है. इस कारण ग्रहण के उपरांत शुद्धिकरण और स्नान दान का महत्व बताया जाता है.


खंडग्रास चंद्र ग्रहण अमान्य होने से भारतवर्ष में ग्रहण संबंधी सूतक और सावधानी की आवश्यकता नहीं होगी. ग्रहण के कारण होने वाले भौगोलिक घटनाक्रम का दबाव भी भारत के उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्र तक सीमित रहेगा. इसके प्रभाव से समुद्री चक्रवात एवं अन्य भौगोलिक घटनाक्रम की आशंका रहेगी.